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नदी, तालाब में नहीं घर में ऐसे करें गणेश जी का विसर्जन…

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यूं तो गणेश जी की मूर्ति नदी, तालाब में व‍िसर्जि‍त की जाती है, लेकिन कई बार लोग भीड़ के चलते व बढ़ते प्रदूषण की वजह से वहां जाने से कतराते है। ऐसे इन तरीकों से घर पर करें व‍िसर्जन

इन तरीकों से घर पर

आजकल गणेश महोत्‍सव में स्‍थापना से लेकर व‍िसर्जन तक लोगों की काफी भीड़ होती हैं। शास्‍त्रों में व‍िसर्जन का अर्थ पानी में विलीन होना माना जाता है।  इसके चलते बड़ी संख्‍या में लोगों के बीच यह मान्‍यता है कि‍ गणेश जी की प्रत‍िमा का व‍िसर्जन नदी, तालाब में  कि‍या जाना अन‍िवार्य है। जब कि‍ ऐसा नहीं है। भगवान गणेश की म‍िट्टी वाली प्रत‍िमा का व‍िर्सजन ब‍िना भीड़ में जाएं और जल प्रदूषण बढ़ाए व‍िध‍िव‍त घर पर भी क‍िया जा सकता है।

ऐसे करें गमले में व‍िसर्जन

व‍िसर्जन से पहले भगवान गजानन की व‍िध‍िवत पूजा अर्चना करें। इसके बाद एक नए बड़े गमले में पानी भरकर गणेश जी को उसमें बैठाएं। ज‍िससे गणेश जी की प्रति‍मा उस पानी में धीरे-धीरे गल जाएगी। इसके बाद उस गमले को अलग से म‍िट्टी डालकर उसे क‍िसी पौधे आदि को लगाने में इस्‍तेमाल क‍िया जा सकता है। इस दौरान एक बात याद रखें कि‍ गणेश जी के व‍िसर्जन वाली म‍िट्टी में तुलसी का पौधा कभी न लगाएं। गणेश जी पर तुलसी वर्जित है।

टब या बर्तन में व‍िसर्जन

आज बहुत से लोग व‍िसर्जन के दौरान नदी तालाबों में बढ़ते प्रदूषण की वजह से भी गणेश जी की प्रत‍िमा व‍िसर्जित करने से पहले सोचते हैं। ऐसे लोग घर पर बड़े टब या बर्तन में गणेश जी को व‍िसर्जित कर सकते हैं। गणेश जी के वि‍सर्जन से पहले व‍िधि‍वत पूजा के बाद एक बड़े टब में जल लेकर उसमें गणेश जी को बैठा दें। इन्‍हें तब तक बैठा रहने दें जब तक जल में पूरी तरह से म‍िल न जाएं। इसके बाद उस जल को क‍िसी पार्क या पौधे में डाल दें।

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