राज्य में मानसूनी बारिश का दौर कमजोर पड़ने से राज्य में गर्मी और उसम का असर बढ़ गया है। गुरुवार को मौसम साफ होने से तेज धूप है, जो चुभन पैदा करने वाली है। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में किसी तरह का सिस्टम न बनने के कारण बारिश का दौर थम सा गया है। साथ ही तापमान में भी इजाफा हुआ हैं। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी एक से दो दिनों तक बारिश होने के आसार कम ही हैं।
राज्य के तापमान में बदलाव का दौर जारी है। गुरुवार को भोपाल का न्यूनतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 23.6, ग्वालियर का 26.5 और जबलपुर का न्यूनतम तापमान 26.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, बुधवार को भोपाल का अधिकतम तापमान 35 डिग्री, इंदौर का 33.8 डिग्री, ग्वालियर का 37.7 डिग्री और जबलपुर का अधिकतम तापमान 36.6 डिग्री सेल्सियस रहा।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एके शुक्ला का कहना है कि बारिश कराने वाली मानसून ट्रफ लाइन हिमालय की तराई में चली गई थी। इसी वजह से यहां एक हफ्ते से बारिश नहीं हो रही है। चार साल पहले 2015 में 17 जुलाई तक सिर्फ 72.7 मिमी ही बारिश हुई थी, लेकिन बाद में मानसून इतना मेहरबान हो गया था कि सीजन में 998.3 मिमी पानी बरस गया था।
बारिश थमने का असर कोलांस और बड़े तालाब पर भी पड़ा है। बड़े तालाब को भरने वाली कोलांस नदी की धार टूट गई है। बुधवार को तालाब का जल स्तर भी 1652.50 से 0.5 फीट घटकर 1652.45 फीट रह गया। ऐसा मानसून सीजन में यह पहली बार हुआ जब लेवल बढ़ने के बाद कम हुआ। मंगलवार तक इसका जल स्तर 152.50 फीट था।
बुधवार से सावन का महीना शुरू हो गया। सावन के पहले दिन से ही तीखी धूप चटकी। वहीं गुरुवार को भी तेज धूप है और बादल कहीं नहीं दिख रहे थे। लोग उमस और गर्मी से परेशान हैं। हालात ये हो रहे हैं कि भोपाल में दिन का तापमान 35 डिग्री तक पहुंच गया। यह सामान्य से 5 डिग्री ज्यादा भी रहा। सावन की ऐसी सूखी शुरुआत लगातार दूसरे साल हुई। पिछले साल भी सावन के पहले दिन बारिश नहीं हुई थी।
मंगलवार को गुरु पूर्णिमा के साथ आषाढ़ का महीना खत्म हो गया। जुलाई के शु़रुआती दस दिन तक तो शहर में कभी कम कभी ज्यादा बारिश होती रही। लेकिन पिछले 10 दिन से शहर में बारिश नहीं हो रही है। दिन के तापमान में लगातार चार दिन से इजाफा हो रहा है। लग ही नहीं रहा कि जुलाई महीना चल रहा है। बुधवार जुलाई का सबसे गर्म दिन रहा।