Home धर्म/ज्योतिष सावन में करें ये उपाय पितृदोष की समस्या से मिलेगी मुक्ति..

सावन में करें ये उपाय पितृदोष की समस्या से मिलेगी मुक्ति..

36
0
SHARE

हर व्यक्ति की जन्म कुंडली में दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नौवें, दसवें भाव में सूर्य राहु या सूर्य शनि की युति स्थित हो तो यह पितृदोष माना जाता है. सूर्य यदि तुला राशि में स्थित होकर राहु या शनि के साथ युति करें तो अशुभ प्रभावों में और ज्यादा वृद्धि होती है.

इन ग्रहों की युति जिस भाव में होगी उस भाव से संबंधित व्यक्ति को कष्ट और परेशानी अधिक होगी तथा हमेशा परेशानी बनी ही रहेगी. लग्नेश यदि छठे आठवें बारहवें भाव में हो और लग्न में राहु हो तो भी पितृदोष बनता है.

-पितृ दोष के कारण क्या क्या नुकसान देखने को मिलते हैं-

1 व्यक्ति को मानसिक परेशानी हमेशा लगी रहती है तथा पारिवारिक संतुलन नहीं बैठ पाता है.

2 जीवन में बहुत ज्यादा पैसा कमाने के बाद भी घर में बरकत नहीं हो पाती है.

3 स्वयं निर्णय लेने में बहुत परेशानी होती है तथा लोगों की सलाह अधिक लेनी पड़ती है.

4 परीक्षाओं तथा साक्षात्कार में भी असफलता मिलती है.

5 यदि आप सरकारी या प्राइवेट नौकरी में है तो अपने उच्च अधिकारियों कि नाराजगी झेलनी पड़ती है.

6 वंश वृद्धि में नही हो पाती है संतान प्राप्ति में बहुत ज्यादा बाधाएं आती हैं.

– जन्मकुंडली के बिना ऐसे करें पितृदोष के लक्षणों की पहचान-

1 सुबह के समय उठने के बाद परिवार में अचानक कलह क्लेश होता है.

2 विवाह की बात अक्सर बनते बनते बिगड़ जाती है.

3 आपको बार-बार यदि आपको चोट लगती है और दुर्घटनाओं के शिकार होते रहते हैं.

4 घर मे मांगलिक कामों में विघ्न आता रहता है.

5 अक्सर घर की दीवारों में दरारें भी आती है.

6 परिवार में या घर मे मेहमान आना बंद हो जाते हैं.

7 दाम्पत्य जीवन में क्लेश की वजह से आने वाली मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

-कैसे करें पितृदोष का महाउपाय-

1 पितृदोष को खत्म करने के लिए हर अमावस्या पर अपने पूर्वजों और पितरों के नाम से जितना हो सके लोगों को दवा,वस्त्र, भोजन का दान करें.

2 हर बृहस्पतिवार और शनिवार की शाम पीपल की जड़ में जल अर्पण करें और उसकी 7 परिक्रमा करें.

2 शुक्लपक्ष के रविवार के दिन सुबह के समय भगवान सूर्यनारायण को तांबे के लोटे में जल, गुड़, लाल फूल, रोली आदि डालकर अर्पण करना शुरू करें.

4 माता पिता और उनके समान बुजुर्ग व्यक्तियों को चरण स्पर्श करके उनका आशीर्वाद लें.

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here