शिवराज सरकार में मंत्री रहे और मध्य प्रदेश बीजेपी के बड़े नेता नरोत्तम मिश्रा के बचाव में उमा भारती उतर गईं हैं. दरअसल नरोत्तम मिश्रा के दो पूर्व सहयोगी इन दिनों ईओडब्ल्यू की रिमांड पर हैं जिसके बाद नरोत्तम मिश्रा पर भी कार्रवाई होने की आशंका है, लेकिन उमा भारती ने रविवार को ट्वीट कर नरोत्तम मिश्रा का बचाव करते हुए इसे कमलनाथ सरकार का कुत्सित प्रयास बताया है.
रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने नरोत्तम मिश्रा के बचाव में एक के बाद एक चार ट्वीट किए. ट्वीट में उमा भारती ने लिखा कि ‘पिछले कुछ दिनों से समाचार पत्रों में श्री नरोत्तम मिश्रा के साथ रहे लोगों पर आर्थिक अपराधों के आधार पर कार्रवाई की खबर आ रही है. मैं नरोत्तम मिश्रा को 1985 से जानती हूं वह मेरे सशक्त सहयोगी रहे है एवं मध्य प्रदेश के भाजपा के सशक्त आधार है. अचानक उनकी छवि को खराब करने का सरकार का कुत्सित प्रयास निंदनीय है. मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार बने हुए 7 महीने हो चुके हैं अचानक इस प्रकार की कार्रवाई यह इंगित करती है कि नरोत्तम मिश्रा का मनोबल गिराने का प्रयास है. नरोत्तम मिश्रा भाजपा के एक समर्थ कार्यकर्ता एवं मजबूत इरादों के व्यक्ति हैं उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है. मैं एवं बीजेपी पूरी तरह से उनके साथ हैं.
आपको बता दें कि इन दिनों आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) शिवराज सरकार में हुए ई-टेंडर घोटाले की जांच कर रही है. इस मामले में तत्कालीन जल संसाधन मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा के दो पूर्व कर्मचारियों निर्मल अवस्थी और वीरेंद्र पांडे फिलहाल ईओडब्ल्यू की रिमांड पर है जिनसे लगातार पूछताछ की जा रही है. माना जा रहा है कि इन दोनों कर्मचारियों से पूछताछ के ज़रिए नरोत्तम मिश्र के खिलाफ सबूतों की तलाश की जा रही है।. हालांकि ईओडब्ल्यू की तरफ से इसपर अबतक कोई बयान सामने नहीं आया है लेकिन माना जा रहा है कि कमलनाथ सरकार नरोत्तम मिश्रा पर कभी भी कानूनी शिकंजा कस सकती है. इसी मामले को लेकर उमा भारती ने ये चार ट्वीट किए हैं.
ईओडब्ल्यू ने रविवार को निर्मल अवस्थी और वीरेंद्र पांडे को कोर्ट में पेश किया जहां से ईओडब्ल्यू ने उन्हें एक बार फिर चार दिन की रिमांड पर ले लिया है.वहीं इस मामले में रिमांड पर लिए गए निर्मल अवस्थी और वीरेंद्र पांडे की पत्नियों ने हाइकोर्ट में पेटिशन लगाई है और कहा है कि पूरी कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है और नरोत्तम मिश्रा को फंसाने की साजिश है. वहीं इनसे पहले दोनों आरोपियों ने भी कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि उनपर नरोत्तम मिश्रा को फंसाने का दबाव बनाया जा रहा है.