Home मध्य प्रदेश भारी बारिश के चलते बड़वानी उज्जैन, मंदसौर और झाबुआ में आज नहीं...

भारी बारिश के चलते बड़वानी उज्जैन, मंदसौर और झाबुआ में आज नहीं खुले स्कूल..

53
0
SHARE

प्रदेश में लगातार भारी बारिश ने अब लोगों के लिए आफत बन गई है। चार दिनों से हो रही बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं और कई निचली बस्तियां तालाब में तब्दील हो गई हैं। भारी बारिश को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने बड़वानी, उज्जैन, झाबुआ और मंदसौर में स्कूलों में शनिवार को अवकाश घोषित कर दिया है।
शहर में चौबीस घंटे में 7 इंच से ज्यादा पानी बरसा। जिले में औसत बारिश का आंकड़ा पूरे मानसून में होने वाली बारिश तक पहुंच गया। पारा के पास पीथनपुर में सरकारी गर्ल्स होस्टल के पास का तालाब फूटने की कगार पर आ गया। छात्राओं को दूसरे होस्टलों में शिफ्ट किया गया। मदद के लिए झाबुआ से एक बस में पुलिसकर्मी पहुंचे और होमगार्ड की टीम भेजी गई। झाबुआ में बहादुर सागर तालाब ओवरफ्लो होने से कुरैशी कम्पाउंड की पुलिया डूब गई। बस स्टैंड के पीछे रामकुला नाले के पास रात को खड़ी की एक आयशर नाले में कटाव होने से बह गई। अनास नदी में भरपूर पानी आने से बामनसेमलिया के नए बांध के चार गेट खोलने पड़े। कल यहां दो गेट खुले थे। माही बांध के आठों गेट खोल दिए गए। 2015 के बाद सभी 8 गेट खोलने की नौबत आई।

रतलाम जिले में 24 घंटे में दो इंच से ज्यादा पानी बरसा। कुल बारिश का आंकड़ा 30.77 इंच पर पहुंच गया है। धोलावड़ डैम के 2 गेट भी पिछले 72 घंटे से खुले हैं। लगातार बारिश से माही नदी भी उफान पर है। नदी के आसपास के लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए है। वरिष्ठ माैसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में नया सिस्टम बनने के संकेत मिल रहे हैं। इसके असर से प्रदेश में 14 अगस्त से फिर तेज बारिश के अासार हैं।

लगातार बारिश से शुक्रवार रात भगवंत सागर बांध के दो गेट एक-एक मीटर तक खोलना पड़े। 3.30 घंटे चलाकर एक गेट से 2945 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक 2014 में भगवंत सागर बांध के पांच गेट खोलकर पानी छोड़ा गया था। एसडीओ सतीश शर्मा ने बताया फिलहाल दो गेट खोले हैं। पिछले 24 घंटे के दाैरान जिले में 2.4 इंच बारिश हुई। वहीं शहर में 33 घंटे में 7.3 इंच बारिश हुई। जिले की अाैसत बारिश 32 इंच है। अब तक 24.4 इंच बारिश हाे चुकी है।

जिले में बारिश का दौर भी जारी रहा। 24 घंटे में सर्वाधिक 6.3 इंच बारिश धार में दर्ज की गई। सबसे कम बाग मेें एक इंच से अधिक बारिश हुई। अब तक शहर में 27 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। जिले की औसत बारिश 33 इंच है। इसमें से 24.9 इंच बारिश हो चुकी है। जोरदार बारिश से जीराबाद के मान डैम का वाटर लेवल 296.20 मीटर पहुंच गया। डैम के डेढ़ मीटर खाली होने से इसके चार गेट खोल दिए गए।

पिछले 24 घंटे में भगवानपुरा में सबसे ज्यादा 7.8 इंच बारिश हुई। महेश्वर, कसरावद व भीकनगांव में 7-7 इंच रिकॉर्ड की गई। कुंदा, वेदा, खारक, साटक, केवटी, इंद्रावती, महेश्वरी व कारम नदियां उफान पर है। नर्मदा के अलावा कुंदा व वेदा के निचले हिस्सों में हाई अलर्ट जारी किया है। सेगांव व झिरन्या में 5-5 इंच व खरगोन में 4 इंच दर्ज हुई। सेगांव क्षेत्र में खंडवा-वडाेदरा राजमार्ग लगातार तीसरे दिन बाधित रहा। जिले में इस साल 22.3 इंच बारिश दर्ज हो चुकी है। पिछले साल 13.2 इंच बारिश हुई थी।

मंदसौर/नीमच. पिछले 6 दिन की बारिश मंदसौर व नीमच जिले में नदी, नाले उफान पर हैं। मंदसौर में बारिश ने औसत बारिश 32 इंच का आंकड़ा पार कर लिया है। अब तक यहां 35 इंच बारिश हो चुकी है। नीमच जिले में औसत बारिश 32.5 इंच है। यहां अब तक 27.8 इंच बारिश हो चुकी है। 4 इंच बारिश और गिरने पर कोटा पूरा हो जाएगा।

लगातार हो रही बारिश से ताप्ती नदी उफान पर है। नदी दूसरे दिन भी खतरे के निशान से पांच मीटर ऊपर से बही। बैतूल और जलग्रहण क्षेत्र में बारिश होने से पांच घंटे में ही ताप्ती का जलस्तर 226 मीटर पर पहुंच गया। यह खतरे के निशान से पांच मीटर अधिक है। वहीं बारिश के कारण हाईवे पर पेड़ गिरने से दो घंटे तक यातायात प्रभावित हुआ। ताप्ती नदी में आई बाढ़ ने राजघाट स्थित लालदेवल को आधे से ज्यादा डुबो दिया है। अन्य मंदिर भी जल मग्न हो चुके हैं। इससे प्रशासन ने शहर की निचली बस्तियों में लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है। बुरहानपुर के राजघाट स्थित लाल देवल डूबने पर गुजरात के सूरत में प्रशासन द्वारा हाई अलर्ट घोषित कर दिया जाता है।

शहर में पिछले 24 घंटे में 6.68 इंच बारिश दर्ज हुई है। इसी के साथ बारिश का आंकड़ा इस सीजन को कुल 922 एमएम (36.88 इंच) पर पहुंच गया। जबकि पिछले साल 9 अगस्त तक शहर में 547 एमएम (21.88 इंच) ही बारिश हुई थी। इस मान से शहर में पिछले साल की तुलना इस साल 15 इंच ज्यादा दर्ज हो चुकी है।

जिले में 24 घंटे में 3.90 इंच बारिश हुई। तेज बारिश से शिप्रा उफान पर आ गई। बड़नगर रोड की छोटी रपट पर 5 फीट पानी आ गया। वहीं बड़े पुल से मात्र 4 फीट नीचे पानी था। इधर शहर में 24 घंटे में 5 इंच बारिश हुई। 50 से ज्यादा कॉलोनियों और बस्तियों में पानी घुस गया। गांधीनगर में लोगों ने पलंग पर बैठकर रात गुजारी। लक्ष्मीनगर में रात तीन बजे से घरों में पानी घुसने लगा था। इंदौर में हुई बारिश से गंभीर डेम लबालब हो गया।

वहीं नागदा में चौबीस घंटे में ढाई इंच बारिश हुई। इस तरह सीजन की कुल बारिश 44.1 इंच हो चुकी है। पिछली बार इस दिन तक 19.60 इंच ही बारिश हुई थी। बारिश के कारण चंबल तीसरी बार उफान पर आ गई। तीन साल बाद बनबना तालाब ओवरफ्लो हुआ। निचली बस्ती चेतनपुरा में छोटी पुलिया से पानी बहने से किल्कीपुरा से चेतनपुरा का रास्ता बंद हाे गया हैं।

शहर में अब तक जिले में 23.58 इंच बारिश हो चुकी है, जो औसत बारिश से 5.8 इंच कम है। जिले की औसत बारिश 29.98 इंच है। हालांकि पिछले साल इस अवधि तक जिले में 13.08 इंच ही बारिश हुई थी। पिछले 24 घंटे में जिले में 4.67 इंच बारिश हुई है। इसमें सबसे ज्यादा 6.37 इंच बारिश ठीकरी में हुई है। इसी तरह निवाली में 6.29 इंच, सेंधवा में 4.89, पाटी 4.72, राजपुर में 4.60, वरला में 4.4 व शहर में 3.82 इंच बारिश हुई है।

देवास के देवगढ़ में कालीसिंध उफान पर आने से हाटपिपल्या-टप्पा व्हाया आष्टा मार्ग 17 घंटे बंद रहा। ग्रामीणों को 20 किमी का चक्कर लगाकर जाना पड़ा। वहीं चापड़ा में गुनेरा-गुनेरी की नदी 10 घंटे में दो बार उफनने से चापड़ा-बागली मुख्य मार्ग 5 घंटे बंद रहा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here