प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज यानी कॉप के 14वें अधिवेशन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और बढ़ते रेगिस्तान जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखी. पीएम मोदी ने कहा कि भारत के संस्कारों में धरती पवित्र है, हम इसे मां मानते हैं. हर सुबह जमीन पर पैर रखने से पहले हम धरती से माफी मांगते हैं.बता दें कि यह अधिवेशन उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के इंडिया मार्ट एंड एक्सपो में आयोजित हो रहा है.
पीएम मोदी ने कहा, ”भारत जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और भू क्षरण जैसे क्षेत्रों में दक्षिण-दक्षिण सहयोग बढ़ाने के लिए उपायों का प्रस्ताव रख कर प्रसन्नता महसूस कर रहा है. भारत ने इस मसले पर तीन बड़े कार्यक्रम आयोजित किए हैं.” उन्होंने आगे कहा, ”आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक असर को झेल रही है. इसकी वजह से समुद्रों का जल स्तर बढ़ गया है. बाढ़, बारिश, तूफान हर जगह देखने को मिल रही है.”
पानी की समस्या पर बोलते हुए पीएण मोदी ने कहा, ” आज दुनिया में पानी की समस्या काफी बढ़ी है, दुनिया को आज पानी बचाने के मसले पर एक सेमिनार बुलाने की जरूरत है जहां पर इन मसलों का हल निकाला जा सके. पीएम मोदी ने कहा कि जल संकट का वैश्विक संकट घोषित किया जाए. भारत पानी बचाने, पानी का सही इस्तेमाल करने की ओर कदम बढ़ा चुका है. हमने जल संरक्षन के लिए जल मंत्रालय बनाया है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमने सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि दुनिया को सिंगल यूज प्लास्टिक को गुड बाय कह देना चाहिए.पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपना वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. 2015 से 2017 के बीच भारत ने अपने वन क्षेत्र और पेड़ क्षेत्र 8 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाया है. बता दें कि इस सम्मेलन में करीब 80 देशों के मंत्री, वैज्ञानिक और स्वयंसेवी संस्थाएं शामिल हैं. देश और दुनिया में इन समस्याओं से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों को विश्वमंच पर साझा किया जाएगा.