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निवेशकों से व्यक्तिगत संपर्क करें अधिकारी डेढ़ लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार : CM…

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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे निवेशकों से व्यक्तिगत संपर्क स्थापित करें, जिससे जिन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएं उन्हें जल्द से जल्द कार्यरूप रूप दिया जा सके। उन्होंने सभी विभागों को समझौता ज्ञापन की प्रगति में तेजी लाने के लिए सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने धर्मशाला में 7 और 8 नवंबर को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर मीट की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए बुधवार को हुई बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि सरकार अभी तक विभिन्न क्षेत्रों में 566 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर कर चुकी है। इनमें 81,319 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। लगभग डेढ़ लाख लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध होगा। अधिकांश समझौता ज्ञापन उद्योग, पर्यटन और आवास क्षेत्रों में हस्ताक्षर किए गए, जो न केवल राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर देंगे।

उन्होंने सभी विभागों को भावी उद्यमियों की सुविधा के लिए सभी प्रयास करने को कहा। उन्होंने उद्यमियों को सरकार की ओर से निवेशकों को दी जा रहीं सुविधाओं और प्रोत्साहन के बारे में सूचित करने के लिए कहा। पर्यटन, आवास और उद्योग क्षेत्रों में मुख्यमंत्री के साथ बी 2 जी की बैठक आयोजित की जाएगी, जिससे इन मेगा क्षेत्रों के उद्यमियों के साथ सीधा संवाद हो सके। स्थानीय उद्यमियों को आमंत्रित करने और उनकी विदेशी प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने का निर्णय लिया गया।

मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि इन्वेस्टर मीट की सफलता के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। तैयारियों पर एक प्रस्तुति भी दिखाई गई। अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, नीशा सिंह, मनोज कुमार, आरडी धीमान, संजय गुप्ता, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, जेसी शर्मा, प्रबोध सक्सेना, केके पंत, सचिव देवेश कुमार, अमिताभ अवस्थी, निदेशक पर्यटन यूनुस, निदेशक उद्योग हंसराज शर्मा, निदेशक भाषा, कला एवं संस्कृति कुमुद सिंह, भारतीय उद्योग परिसंघ के सदस्य, मीडिया पार्टनर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।हिमाचली उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री को प्रदेश सरकार बढ़ावा देगी। प्रदेश में बने माल की देश और विदेश में बिक्री बढ़ाने की यह कवायद मानी जा रही है। हिमाचली माल को लोकप्रिय बढ़ाने को एक लाख तक उपदान देने की व्यवस्था की है। प्रदेश सरकार निवेशकों को पोर्टल विकसित करने के लिए भी वित्तीय मदद प्रदान करेगी।

ताकि ऑनलाइन माल मंगाने वालों को अधिक से अधिक आकर्षित किया जा सके। प्रदेश में हस्तशिल्प और हथकरघा से लाखों लोग जुड़े हुए हैं और हर साल करोड़ों का माल तैयार किया जाता है। ग्रामीणों के तैयार माल को व्यवस्थित बाजार उपलब्ध नहीं हो पाया है। हिमाचली माल की मार्केटिंग को मजबूत करने के लिए सरकार ऑनलाइन बिक्री के लिए निवेशकों को पोर्टल तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

ऑनलाइन बिक्री पर कमीशन का पचास फीसदी भुगतान निवेशक को किया जाएगा। यह वित्तीय लाभ कंपनी और पोर्टल के संचालकों को अधिकतम एक लाख की राशि पर दिया जाएगा। निवेशक माल की बिक्री अपने पोर्टल और वेबसाइट पर करता है तो उनको लॉजिस्टिक, परिवहन के कुल खर्चे की साठ फीसदी राशि का भुगतान किया जाएगा। देश विदेश में हिमाचली शाल, चंबा रुमाल और कांगड़ा पेंटिंग की मांग देश और विदेशों में रहती है। इसके अलावा ऊना वस्तु, काष्ठ कला की वस्तुएं, फलों, मेवे आदि की मांग भी काफी रहती है। हिमाचली उत्पादों की विपणन व्यवस्था कमजोर होने के कारण विदेशों में हिमाचली माल पहुंचाने में दिक्कत रहती है। इस कारण से सरकार ऑनलाइन सेल पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित किया है

ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के बाद भी अगर कोई अपनी निजी भूमि निवेशकों को देना चाहता है तो उद्योग विभाग को अपनी निजी भूमि की डिटेल भेज सकता है। धर्मशाला में सात-आठ नवंबर को प्रस्तावित इन्वेस्टर मीट के लिए उद्योग विभाग ने हिमाचल में पहली बार निजी भूमि का लैंड बैंक बनाने की दिशा में प्रयास किया है।
अभी तक सूबे के 253 लोगों ने अपनी निजी भूमि को लीज या सेल करने की हामी भरी है, ताकि निवेशक उस भूमि पर उद्योग स्थापित कर सकें। उधर, ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के लिए उद्योग विभाग के नोडल अधिकारी अनिल ठाकुर ने कहा कि निजी भूमि पर उद्योग लगाने के लिए जमीन देने के लिए पोर्टल खुला है। कोई भी निजी भूमि की डिटेल पोर्टल में अपलोड कर सकता है। पोर्टल इन्वेस्टर मीट के बाद भी खुला रहेगा।
अपनी निजी भूमि पर उद्योग लगाने के लिए शिमला जिले के सबसे ज्यादा लोगों ने आवेदन किए हैं। शिमला के 56, ऊना के 26, सोलन के 37, सिरमौर के 24, मंडी के 22, कुल्लू के 16, कांगड़ा के 36, हमीरपुर के आठ और बिलासपुर के 28 लोगों ने निजी भूमि पर उद्योग लगाने के लिए भूमि सेल या लीज पर देने के लिए उद्योग विभाग ऑनलाइन आवेदन किया है।

धर्मशाला में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में ट्रैफिक व्यवस्था पुलिस प्रशासन का इम्तिहान लेगी। प्रदेश सरकार ने 1250 से अधिक कमरे विभिन्न निजी और सरकारी होटलों में किराये पर लिए हैं। इन कमरों के हिसाब से सैकड़ों की तादाद में अधिकारी और उनके साथ वाहन जिला मुख्यालय पहुंचेंगे। पर्यटन सीजन के दौरान ही धर्मशाला और पर्यटन नगरी मैक्लोडगंज वाहनों के बोझ से पूरी तरह जाम हो जाती है।

सैकड़ों की तादाद में यहां पहुंचने वाले वीवीआईपी, वीआईपी और अन्य आला अधिकारियों के काफिलों से धर्मशाला से मैक्लोडगंज तक वाहनों के जाम को रोकना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। हालांकि पुलिस विभाग पहली नवंबर से वन-वे प्रणाली जारी करने जा रहा है, लेकिन यह ट्रैफिक व्यवस्था पहले भी हांफ चुकी है। पुलिस विभाग ने इन्वेस्टर मीट के दौरान यहां आने वाले वीवीआईपी और वीआईपी की सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतिरिक्त पुलिस बल मांगा है। एसपी कांगड़ा विमुक्त रंजन ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर मीट को ध्यान में रखते हुए यातायात को सुदृढ़ बनाने, वीवीआईपी व वीआईपी की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस विभाग ने अतिरिक्त पुलिस जवानों की मांग की है। पुलिस सबसे ज्यादा जवानों की ड्यूटी ट्रैफिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में लगाएगी।

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