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कैबिनेट का बड़ा फैसला तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नई भर्तियों पर रोक…

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हिमाचल मंत्रिमंडल ने राज्य में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्तियों पर नई अधिसूचना जारी होने तक रोक लगा दी है। सरकारी विभागों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर बाहरी राज्यों के आवेदकों के लिए नई शर्तें अधिसूचित करने से पहले राज्य मंत्रिमंडल ने यह बड़ा फैसला लिया है। यूं तो तृतीय श्रेणी के लिए 10वीं-12वीं, चतुर्थ श्रेणी के लिए 8वीं-10वीं की पढ़ाई हिमाचल से जरूरी करने का अगस्त महीने में हुई कैबिनेट बैठक में भी फैसला लिया जा चुका था, मगर कैबिनेट ने यह स्पष्ट नहीं किया था कि किस कानून के तहत अगली अधिसूचना जारी की जाए।

राज्य मंत्रिमंडल ने इस अधिसूचना को भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के तहत जारी करने का फैसला लिया है। कैबिनेट ने इस मामले में देरी पर भी कड़ा संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में तृतीय श्रेणी के लिए 10वीं-12वीं और चतुर्थ श्रेणी के लिए 8वीं-10वीं की पढ़ाई प्रदेश से करने की शर्त को जोड़ने का फैसला लिया गया है।

मंत्रिमंडल ने राज्य लोकसेवा आयोग शिमला और कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को फिलहाल इन दोनों श्रेणियों के लिए नई भर्ती के विज्ञापन जारी न करने के आदेश दिए हैं। विभिन्न विभागों ने दोनों आयोगों को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के हजारों पद भरने के लिए मांग भेजी है। अब मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है कि जिन पदों के लिए विज्ञापन जारी नहीं हुए हैं, फिलहाल आगामी आदेशों तक उन्हें विज्ञापित नहीं किया जाए।
सरकार ने कार्मिक विभाग से लोकसेवा आयोग के माध्यम से जारी स्कूल प्रवक्ता भर्ती को रद्द करने या चालू भर्ती में नई शर्तें जोड़ने को लेकर भी राय मांगी है।

विभागीय अधिकारियों को इस बाबत विधि विभाग से चर्चा करने को कहा है। कार्मिक विभाग की रिपोर्ट के आधार पर सरकार स्कूल प्रवक्ता की भर्ती को लेकर आगामी फैसला लेगी।हिमाचल विधानसभा का शीत सत्र 9 से 14 दिसंबर तक धर्मशाला की तपोवन विधानसभा में होगा। कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है। ऐसे में इस बार एक कैलेंडर वर्ष में होने वाली विधानसभा की तय 35 बैठकें पूरी नहीं हो पाएंगी।

बैठक के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हर बार 35 सिटिंग एक कैलेंडर वर्ष में करने का प्रावधान है। पहले भी इस तरह का प्रस्ताव हाउस में आता रहा है। इससे पहले कभी दो सीटें तो कभी तीन सीटें कम होती रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार भी इसमें पांच सिटिंग की कमी होगी। मंत्रिमंडल ने विभिन्न विभागों में 250 से अधिक पदों को भरने की मंजूरी दी है। इसमें सर्वाधिक आयुर्वेद विभाग में 200 पदों को भरा जाएगा। 103 सीधी भर्ती और 97 पद बैचवाइज भरे जाएंगे। इन पदों के भरने से विभाग में फ ार्मासिस्टों की कमी दूर होगी।

हिमाचल मंत्रिमंडल ने 27 दिसंबर को राज्य सरकार के दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर राज्य स्तरीय समारोह शिमला के रिज मैदान पर आयोजित करने का निर्णय लिया। इसी दिन शिमला के पीटरहॉफ में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों में से विभिन्न परियोजनाओं का ‘ग्राउंड ब्रेकिंग’ समारोह भी आयोजित किया जाएगा।ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर के बाद कितने नए उद्योग हिमाचल में लगेंगे, यह 27 दिसंबर को स्पष्ट हो जाएगा। मंत्रिमंडल ने इसके लिए 27 दिसंबर को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी शिमला के पीटरहॉफ में मनाने का फैसला लिया। इन्वेस्टर्स मीट के बाद इस कार्यक्रम के आयोजन का मकसद यही है कि सरकार को पता चल जाएगा कि प्रदेश में एमओयू करने वाली कितनी कंपनियां सही मायने में निवेशक करने का मन बना चुकी हैं। कितने उद्योग स्थापित करने को निवेशक कार्य शुरू करेंगे। उल्लेखनीय है कि पड़ोसी राज्यों में इन्वेस्टर्स मीट के बाद ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित कि ए जा चुके हैं। इस तरह के कार्यक्रमों के बाद ही सरकार को स्पष्ट हो जाता है कि कितने एमओयू के आधार पर राज्य में नए उद्योग स्थापित हो पाएंगे। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने हिमाचल में भी इन्वेस्टर्स मीट के बाद ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित किया जा रहा है

मंत्रिमंडल ने गोवंश के बेहतर रखरखाव को हिमाचल प्रदेश गोवंश संरक्षण और संवर्धन अधिनियम, 2018 को 1 दिसंबर, 2019 से लागू करने की फैसला लिया है। देसी गायों के संरक्षण और सुरक्षा को हिमाचल प्रदेश गोजात्या प्रजनन विधेयक, 2019 को भी स्वीकृति दी गई। इनके लागू होने से प्रदेश में गोवंश की रक्षा करने के साथ उनका सही तरीके रखरखाव भी किया जा सकेगा। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लावारिस गोवंश को आश्रय भी मिलेगा। हिमाचल प्रदेश गोजात्या प्रजनन विधेयक, 2019 के लागू होने से पशुपालकों को बेहतर नस्लों के गोवंश उपलब्ध कराए जा सकेंगे। गोवंश की नस्लों में सुधार में कोताही नहीं की जा सकेगी। निजी क्षेत्र में गोजात्य प्रजनन पर भी सरकार नकेल कसेगी। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले हिमाचली दस्तकारों को 30 हजार रुपये तक नए उपकरण मिलेंगे। मंत्रिमंडल ने उपकरण खरीदने के लिए मुख्यमंत्री दस्तकार सहायता योजना अधिसूचित करने की मंजूरी दी। इस योजना में दस्तकारों को उपकरण और औजार खरीदने के लिए 75 प्रतिशत का अनुदान देने का प्रावधान किया है।

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