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कोरोना संकट के बीच RBI का ऐलान नकदी के फ्लो के लिए बाजार में डालेगा 50 हजार करोड़….

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कोरोना वायरस महासंकट की वजह से जूझ रही अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए सरकार बड़े कदम उठा सकती है. इसी कड़ी में आज भारतीय रिजर्व बैंक (RBI ) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. RBI गवर्नर ने कहा कि कोरोना संकट के बीच बैंक सभी हालात पर नजर रखे हुए है, कदम-कदम पर फैसले लिए जा रहे हैं. कोरोना संकट की वजह से जीडीपी की रफ्तार घटेगी, लेकिन बाद में ये फिर तेज रफ्तार से दौड़ेगी.

उन्होंने कहा कि इस वक्त 150 से अधिक अधिकारी लगातार क्वारनटीन होकर भी काम कर रहे हैं और हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. शक्तिकांत दास ने कहा कि IMF ने इस बात का अनुमान लगाया है कि दुनिया में सबसे बड़ी मंदी आने वाली है, जो कि खतरे की घंटी है. कई देशों में आयात और निर्यात में भारी गिरावट देखने को मिली है.

कोरोना संकट की वजह से भारत की GDP 1.9 की रफ्तार से बढ़ेगी, G20 देशों में ये सबसे बेहतर स्थिति है. दुनिया में 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है. लेकिन जब कोरोना का दौर चला जाएगा तो भारत की जीडीपी एक बार फिर 7 से अधिक की रफ्तार से बढ़ेगी.

शक्तिकांत दास ने कहा कि इस संकट के बीच भी कृषि क्षेत्र टिकाऊ है, हमारे पास बफर स्टॉक है. उन्होंने कहा कि इस साल मॉनसून की बारिश अच्छा रहने का अनुमान है, फरवरी में ट्रैक्टर की बिक्री में अच्छी बढ़त हुई थी.

आरबीआई गवर्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मार्च 2020 में निर्यात में भारी गिरावट आई है, इसके बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार 476 अरब डॉलर का है जो 11 महीने के आयात के लिए काफी है. दुनिया में कच्चे तेल के दाम लगातार घट रहे हैं, जिससे फायदा हो सकता है.
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गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत काफी खराब है. लॉकडाउन की वजह से लगभग सभी तरह के काम-धंधे बंद पड़े हैं और हर दिन 35 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है. लॉकडाउन के पहले चरण में ही देश की जीडीपी को करीब 8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपनी इकोनॉमी को बचाने के लिए एक्टिव हैं और रिजर्व बैंक भी इस मामले में पीछे नहीं है.

इसके पहले 27 मार्च को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में 75 बेसिस पाइंट की कटौती करते हुए इसे 4.4 पर्सेंट कर दिया. माना जा रहा है कि इस कदम से लोगों को उनकी ईएमआई में राहत मिलेगी. साथ ही कम रेट पर कर्ज भी मिलेगा. इस कदम से बैंकों को अपनी लिक्विडिटी बढ़ाने में मदद मिलेगी. साथ ही वे ज्यादा कर्ज भी दे सकेंगे.

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर में कटौती की घोषणा की. इसके अलावा उन्होंने कर्जधारकों के लिए तीन महीने तक ईएमआई टालने के रूप में भी राहत का ऐलान किया था.

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आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि फिलहाल यह अभूतपूर्व संकट का वक्त है, इसलिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. उनके मुताबिक, दुनिया भर में अर्थव्यवस्था के लिए बुरा वक्त है. उन्होंने कहा कि बुरा वक्त हमेशा नहीं रहता और कोरोना के खिलाफ जंग में जीत जरूर मिलेगी.

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