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रैपिड किट में फॉल्ट के बावजूद चीन से जारी रहेगा मेडिकल उपकरणों का आयात…

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चीन से आयात किए गए रैपिड टेस्ट किट को लेकर देश में घमासान मचा है. राजस्थान और पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से एक्यूरेसी पर सवाल उठाए गए, तो देश में मेडिकल की रेगुलेटरी बॉडी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने राज्यों को इसका उपयोग न करने की सलाह दी. चीनी किट के सही परीक्षण में नाकाम रहने के बाद आईसीएमआर अभी इस पर विचार कर रहा है.

इस बीच विदेश मंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि इसके बावजूद चीन से मेडिकल उपकरणों का आयात जारी रहेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक बयान में कहा है कि पिछले दो सप्ताह में चीन के पांच शहरों से लगभग दो दर्जन उड़ानें आरटी-पीसीआर किट लेकर लगभग 400 टन मेडिकल आपूर्ति के साथ भारत के लिए रवाना हुईं. कुछ दिनों में करीब 20 उड़ानें भारत आएंगी और रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट, पीपीई किट, थर्मामीटर आदि मेडिकल उपकरण चीन से लेकर आने की उम्मीद है.

उन्होंने यह भी कहा कि मेडिकल उपकरणों की खरीद के प्रयास अब गति पकड़ रहे हैं. आने वाले समय में यह और बढ़ेगा. इस संबंध में सूत्रों का कहना है कि चीनी कंपनियों के साथ-साथ भारत भी किट्स का परीक्षण कर रहा है.

अगले बैच में उन कंपनियों से मेडिकल सप्लाई की अनुमति दी जा सकती है, जिन्हें परीक्षण के बाद क्लीयरेंस मिलेगा. बताया जाता है कि सरकार ने चीन के साथ ही दक्षिण कोरिया और सिंगापुर की कंपनियों को भी 37 लाख किट के ऑर्डर दिए हैं. अब तक लगभग 7 लाख किट की खेप भारत पहुंच चुकी है.

चीनी कंपनियों वोंडो बायोटेक और झुहाई लिवजोन को 15 लाख रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग किट का ऑर्डर दिया गया है. महाराष्ट्र की वोक्सटूर बायो लिमिटेड को 10 लाख, सिंगापुर की बायो इंडिक्स और दक्षिण कोरिया की कंपनी एसडी बायसेनजोन को 1-1 लाख किट के ऑर्डर दिए गए हैं

. महत्वपूर्ण यह है कि भारत इस मामले में भी केवल आयात पर निर्भर नहीं है. मेक इन इंडिया के तहत दक्षिण कोरियाई कंपनी की सहायक कंपनी हरियाणा के मानेसर स्थित अपने संयंत्र में एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट किट का उत्पादन कर रही है.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी बढ़ती मांग को देखते हुए उत्पादन में तेजी लाएगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पड़ोसी और मध्य एशिया के देशों के साथ ही अफ्रीका, लैटिन अमेरिका के देशों को हमने 5 मिलियन हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) टैबलेट गिफ्ट किया है.

पड़ोसी और अन्य साझीदार देशों को 1.32 मिलियन पैरासिटामॉल टैबलेट भी दी जा रही है. उन्होंने 40 देशों के लिए लगभग 285 मिलियन एचसीक्यू, 60 देशों के लिए 500 मिलियन पीसीएम टैबलेट की वाणिज्यिक खेप को मंजूरी दिए जाने की भी जानकारी दी.

कोरोना के खिलाफ जारी जंग के बीच सूत्रों ने मुस्लिमों को निशाना बनाए जाने संबंधी रिपोर्ट्स और इन पर विदेशों से आई टिप्पणियों को तथ्यात्मक तौर पर गलत, पक्षपातपूर्ण और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाला बताया. सूत्रों ने ओमान की राजकुमारी की ओर से जारी बयान का हवाला देते हुए कहा कि इससे भी हमारे दावे की पुष्टि होती है.

राजकुमारी मोना बिंत फहद ने अपने बयान में कहा था कि आपको यकीन है कि इससे मेरा कोई संबंध नहीं है, इस आपत्तिजनक पोस्ट की पुष्टि की आपकी चिंता के लिए धन्यवाद. भारत ने पिछले दिनों इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की ओर से देश में मुसलमानों की स्थिति को लेकर चिंता जताते हुए की गई टिप्पणी को भी खारिज कर दिया है.

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