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भोपाल में 13 संदिग्घ मरीजों की रिपोर्ट आई पॉजिटिव…

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भोपाल में सोमवार को 13 नए कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, इसमें कुछ जमाती और एम्स का एक स्वास्थ्य कर्मी भी शामिल है। इसके साथ भोपाल में संक्रमित मरीजों की संख्या 428 पहुंच गई है। यहां अब तक कोरोना से 12 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 153 स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। देर रात तक मरीजों की संख्या में और इजाफा हो सकता है।

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्थानीय स्तर, दिल्ली पुडुचेरी से करीब 500 सैंपल की रिपोर्ट आ सकता है। रविवार को भोपाल में कोरोना संक्रमण को मात देकर 19 कोरोना मरीज घर लौट गए। स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज होने वालों में एक आईएएस अफसर गिरीश शर्मा और उनका बेटा, डिप्टी डॉयरेक्टर स्वास्थ्य डॉ. सौरभ पुरोहित की पत्नी डॉ. विभा पुरोहित और उनके दो नन्हें बच्चे शामिल हैं। यह चौथी बार है जब कोविड-19 के लिए डेडीकेटेड चिरायु हॉस्पिटल से एक साथ बड़ी संख्या में मरीज स्वस्थ होकर अपने घरों के लिए रवाना हुए।

वहीं, रविवार को कोरोना वायरस पीड़ित 25 साल की युवती की हमीदिया अस्पताल में मौत हो गई। वह संक्रमण से मरने वाली सबसे कम उम्र की मरीज थीं। इसके अलावा कॉजीपुरा निवासी 55 साल के व्यक्ति की हमीदिया अस्पताल में शनिवार को मौत हो गई थी। रविवार को आई रिपोर्ट में उन्हें कोरोना की पुष्टि हुई है। इधर, पीएम मोदी की प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बातचीत हुई है। ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग रखी है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में बिगड़ते हालात को देखते हुए 3 मई के बाद मध्य प्रदेश में लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है।

एम्स की सूची में 13 साल की किशोरी की उम्र और पता गलत
भोपाल एम्स अस्पताल की एक बड़ी लापरवाही सामने आई। कोरोना जैसी गंभीर बीमारी के मरीजों की जांच रिपोर्ट तैयार करने में भी लापरवाही बरती जा रही है। बाग उमराव दूल्हा निवासी एक किशोरी की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसकी सर्चिंग शुरू की गई। सूची में दर्ज मोबाइल नंबर पर कॉन्टेक्ट किया तो नंबर नहीं लगा। फिर सूची में दर्ज पते की पड़ताल की गई ,

तो वह भी गलत निकला। वहीं 13 साल की किशोरी की उम्र 30 साल दर्ज की गई। जब एम्स प्रबंधन से इस बारे में जानकारी ली गई तो उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। किशोरी की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद 22 अप्रैल से उसे चिरायु भर्ती किया गया है।

लॉकडाउन के चलते ज्यादातर लोग इलाज के लिए अस्पताल नहीं जा पा रहे हैं। कोरोना के चलते वैसे ही अस्पतालों में आम मरीजों को संक्रमण का खतरा है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निजी अस्पतालों के संचालकों से बात कर मरीजों को फोन पर इलाज की सलाह देने के निर्देश दिए थे। इसकी शुरुआत सोमवार से हो गई है।

डाॅक्टरों ने दोपहर 12 यसे 2 बजे का समय निर्धारित किया है। सीएमएचओ डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि आम लोगों को विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराई जाएगी। भोपाल के नर्सिंग होम/अस्पतालों के 133 विशेषज्ञ डॉक्टर दोपहर 12 से 2 बजे के बीच भोपालियों को निःशुल्क टेलिफोनिक परामर्श देंगे।

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