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इन 5 चीजों से व्यक्ति को हमेशा दूर रहना चाहिए जीवन हो जाता है बर्बाद…

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आचार्य चाणक्य ने उन सभी चीजों का गहराई से अध्ययन किया था जो मानव को प्रभावित करती हैं. इनमें वे आदतें भी शामिल हैं जो व्यक्ति का जीवन कटिनाइयों से भर देती हैं. चाणक्य के अनुसार मानव का जीवन बहुत मुश्किलों से प्राप्त होता है. इसलिए मानव जीवन में सदैव ही ऐसे कार्य करने चाहिए जिसके लिए उसे वर्षों तक याद रखा जाए. लेकिन मनुष्य चाणक्य की इन बातों को भूल जाता है. यहीं से उसके कठिन दौर का आरंभ होता है.

चाणक्य का मानना था कि व्यक्ति के भीतर बहुत सी अच्छे आदतें होती हैं. इन आदतों के बल पर वह सफल होता है और इतिहास में सम्मान प्राप्त करता है. लेकिन वहीं जब व्यक्ति गलत आदतों की गिरफ्त में आ जाता है तो उसका जीवन धीरे धीरे पतन की तरफ अग्रसर हो जाता है. इसलिए इन आदतों से दूर रहना चाहिए-

व्यक्ति को बुराई करने की आदत से बचना चाहिए. यह कहने के लिए आदत है लेकिन ये एक गंभीर रोग से कम नहीं है. जिस व्यक्ति को यह रोग लग जाता है उसके चरित्र का पतन आरंभ हो जाता है. इस आदत से हर संभव प्रयास कर बचना चाहिए.

झूठ बोलने की आदत न पनपने दें
झूठ बोलने वाले व्यक्ति को कोई पसंद नहीं करता है. यह एक ऐसी आदत है जो सफलता में सबसे बड़ी बाधा बनती है. इस आदत से बचना चाहिए. जो लोग सफल होने और आगे बढ़ने के लिए झूठ का सहारा लेते हैं उनकी सफलता स्थाई नहीं होती है, जब सच्चाई सामने आती है तो लज्जित होना पड़ता है.

लालच का त्याग करें व्यक्ति के लिए बुराई के समान ही लालच भी एक बुरी आदत है. लालच व्यक्ति को गलत रास्ते पर चलने के लिए विवश कर देता है. लालच के चलते वह अपने दिन का चैन और रातों की नींद खराब कर लेता है. इस आदत के चलते वह एक दिन अपना सबकुछ गवां बैठता है. इसलिए लालच नहीं करना चाहिए.

दूसरों को कमतर न समझें दूसरों को कमजोर और खुद को शक्तिशाली समझता है वह भविष्य में अपने लिए बड़ी मुसीबतों को जन्म देता है. कोई भी व्यक्ति कमजोर नहीं होता है. समय सबसे बड़ा बलवान होता है जो आज कमजोर है वह कल शक्तिशाली भी बन सकता है. इसलिए हर व्यक्ति का सम्मान करना चाहिए. क्योंकि समय का कोई भरोसा नहीं होता है आज जो शक्तिशाली है वह कल कमजोर भी हो सकता है.

अहंकार नहीं करना चाहिए व्यक्ति को कभी अहंकार नहीं करना चाहिए. अहंकार से युक्त व्यक्ति भीड़ में भी अकेला ही होता है. ऐसे व्यक्ति का न तो कोई मित्र होता है और न ही सगे संबंधी. अहंकार व्यक्ति के पतन का कारण भी बनता है. जिसने भी अहंकार किया उसे अंत में कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ. इसलिए अहंकार से स्वयं को मुक्त रखना चाहिए.

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