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ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में शवों की अदला-बदली, इर्तजा का शव सुरेश के परिजन को दिया…

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जयारोग्य अस्पताल के पोस्टमार्टम भवन में शव बदलने का मामला सामने आया है। यहां स्टाफ की लापरवाही के कारण एक मृतक का शव दूसरे मृतक के परिजन को दे दिया गया। परिजन ने चेहरा देखे बिना ही अंतिम संस्कार भी कर दिया। शव की अदला-बदली का मामला तब उजागर हुआ जब दूसरे मृतक के परिजन ने अस्पताल से दिए गए शव को देखा। रविवार को दिनभर चले हंगामे के बाद संभागायुक्त एमबी ओझा ने जेएएच के फाेरेंसिक विभाग के डिमांस्ट्रेटर डॉ. हीरालाल मांझी को सस्पेंड कर दिया है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस मामले में प्रशासनिक जांच के आदेश दिए हैं।

इस हफ्ते की शुरुआत में ऐसा ही एक मामला रीवा मेडिकल कॉलेज में सामने आया था, जहां पर स्टॉफ की लापरवाही से शवों की अदला-बदली हुई थी। इसके बाद एक डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया था। हालांकि, डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इसका विरोध किया था। घटनाक्रम की शुरुआत तीन दिन पहले होती है।

मुरैना से आए मरीज इर्तजा मोहम्मद (64) की 13 अगस्त को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उनकी कोरोना की रिपोर्ट नहीं आने के कारण शव को पोस्टमार्टम भवन में रखवा दिया गया था। 14 अगस्त को शिंदे की छावनी निवासी कोरोना संदिग्ध सुरेशचंद्र बाथम (61) की मौत होने पर उनका शव भी पोस्टमार्टम भवन में रखवा दिया। दोनों मृतकों की रिपोर्ट निगेटिव आई। उसी दिन बाथम के परिजन को फोरेंसिक विभाग के डिमांस्ट्रेटर डॉ. हीरालाल मांझी की मौजूदगी में पोस्टमार्टम विभाग के स्टाफ ने इर्तजा मोहम्मद का शव दे दिया। शव कपड़ाें से ढंका था। परिजन ने उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया।

शनिवार रात 9 बजे इर्तजा मोहम्मद के परिजन जब शव लेने पहुंचे तो उन्हें सुरेशचंद्र बाथम का शव दे दिया। इर्तजा के बेटे ने शव देखते ही कहा कि यह उनके पिता नहीं है। इसके बाद उन्होंने अस्पताल की मर्च्युरी में रखे दूसरे शव भी देखे, लेकिन उन्हें उनके पिता का शव नहीं मिला। तब पोस्टमार्टम के स्टाफ को आभास हुआ कि जो शव सुरेशचंद्र बाथम के परिजन को सौंपा है, वह इर्तजा मोहम्मद का था। उन्होंने सुरेश के बेटे प्रदीप बाथम को बुलवाया और उन्हें वह शव दिखाया जिसे वह इर्तजा मोहम्मद का शव समझ रहे थे। प्रदीप ने शव देखकर कहा कि यह तो उसके पिता का शव है।

इर्तजा के परिजन ने यह शव लेने से इनकार कर दिया। वे रविवार सुबह फिर अस्पताल पहुंचे और हंगामा किया। इसी बीच कंपू पुलिस वहां पहुंच गई और दोनों मृतक के परिजन को थाने ले आई। एडीएम किशोर कन्याल और एसडीएम प्रदीप भार्गव भी पहुंच गए। एडीएम ने इर्तजा मोहम्मद के परिजनों को समझाया कि इस मामले में गड़बड़ी तो हुई। लिहाजा जांच एसडीएम से कराई जाएगी। काफी समझाइश के बाद इर्तजा के परिजन बाथम के परिवार को यह शव सौंपने के लिए तैयार हो गए। बाथम का शव लेकर परिजनों ने रविवार को अंतिम संस्कार कर दिया।जेएएच समूह के अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ ने कहा कि शव बदलने का यह मामला बेहद गंभीर है। डीन को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने के लिए कहा जाएगा। जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।

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