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आयुर्वेद के अनुसार खान-पान की इन आदतों को अपनाने से तन-मन रहता है स्वस्थ….

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मन अशांत रहने का असर हमारे खाने-पीने की आदतों पर भी पड़ता है। मौजूदा समय में जिस तरह दुनिया अस्त-व्यस्तता से गुजर रही है, उसकी वजह से लोग न सिर्फ मानसिक रूप से असहज महसूस कर रहे हैं बल्कि इससे वे खानपान पर भी ठीक से ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, जिसके चलते उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में बात करें, खानपान की तो आयुर्वेद में ऐसी कई चीजें बताई गई हैं, जिसे अपनाकर आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। आप इन बातों को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बना सकते हैं।

स्टीम या हाफ बॉयल करके खाएं सब्जियां 
अगर आप सब्जियों को पूरी तरह या ज्यादा गला कर खाते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि आप उसे बहुत ज्यादा न पकाएं। ऐसा करने से उनके पोषक तत्व कम होते हैं। लेकिन अगर आप उनको कच्चा छोड़ देंगे, तो ये आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। खाना बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप सब्जियों को न तो ज्यादा पकाएं न ही उन्हें कच्चा छोड़ें।

कच्चे मसालों को भूनकर और पीसकर करें इस्तेमाल 
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए खड़े मसालों को तवे पर भूनकर और पीसकर इसका इस्तेमाल करें। खासतौर पर सर्दियों या बरसात के मौसम में अदरक को तवे पर भून कर खा सकते है।

छानकर न करें आटे का इस्तेमाल 
गेंहूं में फाइबर होता है। लेकिन इसका ज्यादातर फाइबर ब्राउन वाले भाग में होता है। तो आप जब भी आटा इस्तेमाल करें इस बात का ध्यान रखें कि इसे बिना छाने इस्तेमाल करें। चोकर वाला आटा सेहत के लिए अच्छा माना जाता है।

ठंडा भोजन करने से कमजोर होती है पाचन क्रिया 
ठंडा खाना खाने से बचें। यह आपके पाचन को प्रभावित कर सकता है। इसके साथ ही इस बात का ध्यान भी रखें कि पूरा पेट भर कर कभी न खाएं। आयुर्वेद के अनुसार भरपेट न खाने से भोजन आसानी से पचता है।

मीठा कम खाएं
आयुर्वेद के अनुसार मीठा कम खाना चाहिए। आप मीठे के विकल्प के तौर पर शहद या गुड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आपको डायबिटीज जैसे रोगों से बचा सकता है।

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