Home धर्म/ज्योतिष मकर संक्रांति पर त्रिवेणी तट पर 18 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी…..

मकर संक्रांति पर त्रिवेणी तट पर 18 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी…..

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संगम की रेती पर आस्था के मेले की शुरुआत मकर संक्रांति के स्नान पर्व के साथ हुई। सुबह से शाम तक गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के तट पर लाखों श्रद्धालुओं ने संगम स्नान किया और पुण्य कमाया। सुबह कड़ाके की ठंड और महामारी के डर के बावजूद लोग संक्रांति स्नान करने और पुण्य कमाने पहुंचे। हालांकि यह संख्या पिछले माघ मेला की तुलना में काफी कम रही। प्रशासन ने 80 लाख लोगों के लिए बंदोबस्त किए थे लेकिन माना जा रहा है कि शाम तक सभी घाटों पर कुल मिलाकर 18 लाख लोगों ने स्नान किया। अब अगला शाही स्नान 28 जनवरी माघ पूर्णिमा पर होगा।

स्नान के पहले दिन प्रशासनिक लापरवाही और मुस्तैदी का मिलाजुला असर दिखाई दिया। जहां एक ओर संगम क्षेत्र में पर्याप्त शौचालय नहीं बने, वहीं तमाम बड़े अधिकारी और पुलिस जवान व कर्मचारी बिना मास्क के दिखाई दिए। कई शिविर भी अब तक बनकर तैयार नहीं हो सके हैं। हालांकि दूसरी ओर घाटों पर लगातार सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एनाउंसमेंट किया जाता रहा। साथ ही दुकानदारों और पुरोहितों को घाट से दूरी बनाए रखने के लिए कहा गया।

दुकानों के न होने से कहीं भी भीड़ एकत्र नहीं हो सकी। आईजी केपी सिंह, डीएम भानुचंद्र गोस्वामी, एसपी क्राइम आशुतोष मिश्र, एडीएम सिटी एके कनौजिया, मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी, प्रबंधक विवेक शुक्ला ने खुद हर सेक्टर में सुरक्षा व सोशल डिस्टेसिंग की कमान संभाली। काली सड़क से श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया और त्रिवेणी मार्ग से लोग निकलते रहे। लगातार एनाउंसमेंट होता रहा जिससे कहीं भी भीड़ आमने सामने नहीं आई। हां इतना जरूर है कि आने वाले श्रद्धालुओं को स्नान से रोका नहीं गया।

संगम पर एक बार को भीड़ इतनी बढ़ी कि दो गज की दूरी दिखाई नहीं दी। इस बार मेला क्षेत्र में बिजली के खंभों पर नंबर भी नहीं थे। ऐसे में लोगों को खुद ही अपना पहचान चिह्न लगाकर स्नान के लिए जाना पड़ा। स्नान के बाद कहीं भी दान आदि का प्रबंध नहीं किया गया था। दो घाटों पर कटान के कारण स्नान नहीं हो सका। वहीं मेला क्षेत्र में मोबाइल सेवा पूरी तरह से दगा दे गई।  डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने बताया कि कोरोना को लेकर सारे प्रोटोकॉल पूरे कराए जा रहे हैं। 12 स्थानों पर लोगों की थर्मल पावर स्कैनिंग के बाद प्रवेश दिया जा रहा है। हम पूरी तरह से मुस्तैद हैं कि भीड़ न बढ़ने पाए। इस मेले से कोरोना का प्रसार न हो, इसकी तैयारी पूरी की गई है।

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