Home धर्म/ज्योतिष आठवें दिन महागौरी की हुई आराधना, नवमी को होगी सिद्धिदात्री की उपसाना….

आठवें दिन महागौरी की हुई आराधना, नवमी को होगी सिद्धिदात्री की उपसाना….

26
0
SHARE

शारदीय नवरात्र के आठवें दिन गुरुवार को महागौरी की पूजा-अर्चना की गई। महागौरी के स्वरूप का पूजन कर भक्तों ने मां से सुख और समृद्धि मांगी। अपने भक्तों के लिए वह अन्नपूर्णा स्वरूप हैं। वह धन-वैभव और सुख-शांति की अधिष्ठात्री देवी हैं। सांसारिक रूप में इनका स्वरूप बहुत ही उज्जवल, कोमल, श्वेतवर्णा तथा श्वेत वस्त्रधारी है। इनकी चारों भुजाओं में से एक में त्रिशूल तथा दूसरे में डमरू है।

शुक्रवार को मां दुर्गा के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की आराधना होगी। शारदीय नवरात्र के नौवें व अंतिम दिन सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना से मोक्ष की प्राप्ति होती है। मां अपने भक्तों को आठों प्रकार की सिद्धियां देने में सक्षम हैं। इनकी उपासना से तृष्णा व वासना को नियंत्रित कर अंतरात्मा को दिव्य पवित्रता से परिपूर्ण किया जाता है। इनकी पूजा से मनुष्य को स्वयं पर विजय प्राप्त करने की शक्ति मिलती है।
सिद्धिदात्री का ध्यान अज्ञान, तमस, असंतोष आदि से स्वाध्याय, उद्यम, उत्साह की ओर ले जाने वाला है। श्रद्धालु को नैतिक और चारित्रिक रूप से सबल बनाता है। सिद्धिदात्री सिंह वाहिनी, चतुर्भुजा तथा प्रसन्नवदना हैं। मार्कंडेय पुराण में अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा प्राप्ति, प्राकम्य, ईशित्व एवं वशित्व-ये आठ सिद्धियां बताई गई हैं। इन सभी सिद्धियों को देने वाली मां सिद्धिदात्री हैं। सिद्धिदात्री कमल के आसान पर विराजमान रहती हैं। इनकी सवारी सिंह हैं। मां ने यह रूप भक्तों पर कृपा बरसाने के लिए धारण किया है। जो श्रद्धालु भक्ति हद्य से मां को पूजते हैं, उनपर मां का स्नेह हमेशा बना रहता है।
चर्तुभुजी मां की दाई ओर की दो भुजाओं में गदा और चक्र और बाई ओर की दो भुजाओं पंख और शंख सुशोभित हैं। सिर पर सोने का मुकुट और गले में सफेद फूलों की माला है। इनकी आराधना मानव ही नहीं सिद्ध, गंधर्व, यक्ष, देवता और असुर भी करते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here