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49 लाख महिलाओं को साक्षर बनाने वाले 24 हजार प्रेरक होंगे सेवा से बाहर…

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साक्षर भारत” योजना के तहत साढ़े पांच साल पहले नियुक्त 24 हजार प्रेरकों को एक अक्टूबर से सेवा से हटाया जा रहा है। प्रदेश के 42 जिलों में चल रही ये योजना 30 सितंबर को बंद हो रही है। राज्य शिक्षा केंद्र ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों को निर्धारित तारीख के बाद प्रेरकों की नियुक्ति का नवीनीकरण नहीं करने के निर्देश दिए हैं। ये केंद्र परिवर्तित योजना है, जिसे हाल ही में केंद्र सरकार ने बंद करने का निर्णय ले लिया है।

वर्ष 2001 की जनगणना के मुताबिक प्रदेश के 42 जिलों में 51 लाख 86 हजार महिलाएं निरक्षर थीं, जिन्हें साक्षर करने के लिए राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के तहत वर्ष 2012 में ये योजना लाई गई। राज्य शिक्षा केंद्र यह जिम्मेदारी संभाल रहा है। पिछले महीने इन महिलाओं की परीक्षा ली गई। ताजा आंकड़ों के मुताबिक इनमें से 49 लाख महिलाएं साक्षर हो गई हैं। योजना के तहत दो हजार रुपए प्रति माह के मानदेय पर प्रेरक नियुक्त किए गए। जिन्होंने स्पेशल कक्षाएं लगाकर पढ़ाई कराई।

योजना पांच साल के लिए लाई गई थी। इसकी अवधि 31 मार्च 2017 को पूरी हो चुकी है। फिर केंद्र सरकार ने 30 सितंबर तक के लिए योजना बढ़ा दी। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ योजनाएं बंद करने का निर्णय लिया है। उनमें ये योजना भी शामिल है। 24 हजार प्रेरकों को नौकरी से निकालने के मामले में राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त लोकेश्ा जाटव ने कलेक्टरों को भेजे पत्र में सफाई दी है कि प्रेरक आउटसोर्सिंग पर रखे गए थे। नियुक्ति के समय शर्तों में ये शामिल था कि जिस दिन योजना समाप्त हो जाएगी, उनकी नियुक्ति स्वत: ही समाप्त मानी जाएगी।

जाटव ने किसी भी प्रेरक की समय अवधि नहीं बढ़ाने का कहते हुए चेतावनी भी दी है कि ऐसा करने पर अनुबंध करने वाले अफसर जिम्मेदार होंगे और सरकार को आर्थिक नुकसान होने की स्थिति में उन्हीं से वसूली की जाएगी।

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