Home Bhopal Special निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए पं. दीनदयाल श्रमोदय विद्यालय शुरू होंगे….

निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए पं. दीनदयाल श्रमोदय विद्यालय शुरू होंगे….

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विद्यालय शुरू करने की तैयारियाँ अंतिम चरण में 

असंगठित क्षेत्र के निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए अगले शिक्षण सत्र से पं. दीनदयाल श्रमोदय विद्यालय शुरू होंगे। विद्यालय शुरू करने की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। प्रवेश प्रक्रिया इसी माह से शुरू होगी। मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा शुरू किये जा रहे इन श्रमोदय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को रहने के लिए छात्रावास और खेलकूद के साथ अन्य सभी आधुनिक शैक्षणिक सुविधाएँ नि:शुल्क मुहैया कराई जाएंगी। ये विद्यालय भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में शुरू किये जा रहे हैं।

श्रमोदय विद्यालय में शुरू के वर्ष में कक्षा-6, 7, 8, 9 और 11वीं में प्रवेश दिया जाएगा। प्रत्येक कक्षा में 160 बच्चों को प्रवेश मिलेगा। प्रवेश प्रक्रिया के संबंध में इसी माह सूचना जारी की जाएगी। विद्यालयों में शैक्षणिक और प्रशासनिक अमले की नियुक्ति के साथ जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए तैयारियाँ अंतिम चरण में है। विद्यालय शुरू करने के लिए की जा रही तैयारियों की श्रम मंत्री श्री ओमप्रकाश धुर्वे और प्रमुख सचिव श्रम श्री अश्विनी राय लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं। ये श्रमोदय विद्यालय देश में असंगठित क्षेत्र के निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए पब्लिक स्कूल की तरह आधुनिक शैक्षणिक सुविधाओं के साथ शिक्षण व्यवस्था का अनूठा और नया प्रयास होंगे।

श्रमोदय विद्यालय का संचालन रजिस्ट्रार सोसायटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड श्रमोदय विद्यालय संचालन समिति करेगी। संचालन समिति में श्रम मंत्री अध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव श्रम उपाध्यक्ष सहित 12 सदस्य हैं। इनमें प्रमुख सचिव वित्त विभाग का प्रतिनिधि, स्कूल शिक्षा का प्रतिनिधि, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग का प्रतिनिधि, श्रमायुक्त, सचिव और सह-सचिव म.प्र.भ.स.क.क. मण्डल, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का प्रतिनिधि, मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का प्रतिनिधि, अपर श्रमायुक्त, गैर-शासकीय संस्थान, जो शिक्षा के क्षेत्र में ख्याति-प्राप्त संस्था हो, का प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया है।

विद्यालय संचालन समिति को सलाह देने के लिए वित्तीय सलाहकार, शैक्षणिक सलाहकार समितियाँ भी गठित की गई हैं। श्रमोदय विद्यालय का मूल मंत्र ‘लगातार सीखते रहना और छात्र-छात्राओं में तकनीकी कौशल विकसित करना है।” श्रमोदय विद्यालय के संचालन संबंधी समस्त निर्णय राज्य-स्तरीय संचालन समिति द्वारा लिये जाएंगे। क्षेत्रीय स्तर पर क्षेत्रीय श्रमोदय विद्यालय संचालन समिति, शैक्षणिक सलाहकार समिति और प्रबंधकीय समिति भी गठित की जाएंगी, जो विद्यालयों के परिणामदायी संचालन में सहयोगी होंगी।

मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा बताया गया कि चारों विद्यालय में निर्माण श्रमिकों के बच्चों के प्रवेश के लिए स्थान तय कर दिये गए हैं। संबंधित स्कूल में संबंधित जिलों के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की संतानों को प्रवेश की पात्रता होगी। पहले वर्ष के बाद श्रमोदय विद्यालय में सभी कक्षाओं में 1120 छात्र-छात्राएँ होंगे।

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