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पाकिस्तानः पनामागेट में नवाज शरीफ के खिलाफ सुनवाई शुरू….

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पनामा गेट केस में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार की संपत्तियों पर पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. सुनवाई का आज पहला दिन है. शरीफ परिवार की संपत्तियों पर ज्वाइंट इंवेस्टिगेशन टीम ने अपनी रिपोर्ट में कई आरोप लगाए हैं. इस बीच पाकिस्तान के वित्तमंत्री इशाक डार ने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की है कि वह पनामा गेट और नवाज शरीफ परिवार की संपत्ति के मामले में ज्वाइंट इंवेस्टिगेशन टीम (जेआईटी) की रिपोर्ट को खारिज कर दे.

जेआईटी के खुलासों के बाद पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट पहली बार इस मामले में सुनवाई करने जा रहा है. शरीफ के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण दिन है. बता दें कि जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट में शरीफ परिवार पर सीधे तौर पर आरोप लगाए हैं. शरीफ परिवार पर गलत दस्तावेज प्रस्तुत करने और विदेश स्थित फर्जी कंपनियों में अपनी संपत्ति छुपाने का आरोप है.

शरीफ ने इमरान को ठहराया जिम्मेदार

इस बीच नवाज शरीफ ने अपनी पार्टी के सदस्यों के साथ इस रिपोर्ट को लेकर चर्चा की है और इसे नागरिक प्रशासन के खिलाफ बड़ी साजिश करार दिया है. नवाज की पार्टी ने इस रिपोर्ट के पीछे विदेशी तत्वों का हाथ बताया है जो तहरीके ए इंसाफ पार्टी के नेता इमरान खान के जरिए काम कर रहे हैं.

दूसरी ओर पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का इस्तीफा मांगना शुरू कर दिया है. साथ ही शरीफ के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू होने की आशंका है.

विशेषज्ञों का कहना है कि जेआईटी की रिपोर्ट में शरीफ के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसको देखते हुए नवाज शरीफ के प्रधानमंत्री बने रहने की संभावना कमजोर नजर आ रही है.

शरीफ के खिलाफ 15 मामले खोलने की सिफारिश

जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट में नवाज शरीफ के खिलाफ 15 मामलों को फिर से खोलने की सिफारिश की है. यह हाई प्रोफाइल मामला शरीफ द्वारा 90 के दशक में की गई कथित मनी लॉड्रिंग के मामले से जुड़ा है. इस दौरान वह दो बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे.

 आरोप है कि शरीफ ने लंदन में संपत्तियां खरीदी थीं. इन संपत्तियों का खुलासा पिछले साल पनामा पेपर लीक के बाद हुआ था. इन संपत्तियों को शरीफ के बच्चों के स्वामित्व वाली विदेशी कंपनियों के जरिए खरीदा गया था. छह सदस्यीय जेआईटी ने 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में अपनी फाइनल रिपोर्ट जमा कर दी थी.

पाकिस्तानी सेना ने अपनी भूमिका से किया इनकार

जेआईटी ने जिन 15 मामलों को खोलने की सिफारिश की है. उनमें पांच केस पर लाहौर हाईकोर्ट पहले ही फैसला सुना चुकी है. आठ मामलों में शरीफ के खिलाफ जांच और दो में पूछताछ हुई है. इन 15 केसों में तीन 1994 से 2011 के बीच के पीपीपी के कार्यकाल के हैं. 12 मामले मुशर्रफ के समय के हैं, जब उन्होंने शरीफ का तख्तापलट कर दिया था.

दिलचस्प बात ये है कि शरीफ परिवार के लंदन में चार अपार्टमेंटों से जुड़ा मामला आठ  जांचों में शामिल है, जिन्हें 1999 में नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो ने शुरू किया था.

दूसरी ओर पाकिस्तान आर्मी ने शरीफ के परिवार की संपत्तियों की जांच में किसी भूमिका से साफ इनकार किया है.

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