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‘गांधी’ से ‘लगान’ तक… 70 साल की आजादी के संघर्ष को दिखाती हैं ये फिल्‍में….

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इंडियन सिनेमा में यूं तो हर विषय पर फिल्‍में बनी हैं, लेकिन ‘आजादी’ और ‘देशभक्ति’ ऐसे विषय हैं, जो हमेशा से ही बॉलीवुड के फेवरिट टॉपिक रहे हैं. स्वतंत्रता संग्राम, आजादी के संघर्ष से लेकर आजादी के महावीरों तक को बॉलीवुड ने अपनी फिल्‍मों में शानदार तरीके से उतारा है. यह फिल्में अहम संदेश देने के साथ-साथ हमें उस दौर और हालातों से सीधे जोड़ देती हैं, जिनमें जूझते हुए हमें यह अनमोल आजादी मिली है. फिर चाहे वह चेतन आनंद की फिल्म ‘हकीकत’ हो या फिर फरहान अख्तर की ‘लक्ष्य’.

ये फिल्में अपने समय की सटीक कहानी कहती हैं. इन फिल्मों को न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर भी खूब सराहा गया और दर्शकों का प्यार भी मिला. आजादी के 70 साल पर हम आपको कुछ ऐसी ही फिल्मों के बारे में बता रहे हैं जिन्‍होंने इस संघर्ष को पर्दे पर उकेर है…

शहीद
1965 में आई फिल्म ‘शहीद’ भगत सिंह के जीवन पर आधारित है. इस फिल्म के गानों को प्रेम धवन और स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल ने सजोया है. ‘शहीद’ में मनोज कुमार ने शहीद भगत सिंह का दमदार किरदार निभाया था और प्रेम चोपड़ा शहीद सुखदेव के किरदार में नजर आए थे. 13वें राष्ट्रीय फिल्‍म अवार्ड की सूची में ‘शहीद’ ने हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ फिल्‍म का पुरस्कार जीता.

हकीकत
भारत और चीन के बीच 1962 में हुई जंग पर आधारित ‘हकीकत’ का निर्देशन चेतन आनंद ने किया था. ‘हकीकत’ का ‘हिन्दी-चीनी भाई-भाई’ का नारा देशभर में खूब मशहूर हुआ था, यह फिल्म देखकर 1962 के दौर की झलक बड़े पर्दे पर देखने को मिलेगी जब एक मुल्क जंग के साथ अपने दोस्त का भरोसा भी हार गया था.

 गांधी
1982 में राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी पर बनी फिल्‍म ‘गांधी’ आजादी पर आधारित है. इस फिल्‍म में गांधी की भूमिका किसी भारतीय ने नहीं बल्कि ब्रिटिश एक्टर सर बेन किंग्सले ने निभाई. इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. दिलचस्प यह कि गांधी पर इतनी जबरदस्त फिल्म बॉलीवुड आज तक नहीं बन सका है.
उपकार
सदाबहार एक्टर मनोज कुमार ने ‘उपकार’ का निर्देशन किया था. शास्त्री  जी के सुझाव पर मनोज कुमार ने फिल्म का निर्देशन-निर्माण किया. ‘उपकार के गीतों की भी कहानी है. ‘उपकार को तीन राष्ट्रीय पुरस्कार और छह फिल्मफेयर पुरस्कार मिले थे. ‘मेरी देश की धरती’, ‘आया झूम के बसंत’ फिल्म के लोकप्रिय गाने है. फिल्म जय जवाब, जय किसान के नारे से प्रेरित थी.
बॉर्डर
देश की सीमा पर लड़ने वाले जवानों की फिल्‍म ‘बॉर्डर’ के गाने आज भी हर स्‍वतंत्रता दिवस पर बजाए जाते हैं. 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान राजस्थान में लड़ी गई लड़ाई पर बनी बॉर्डर सच्ची घटनाओं से प्रेरित थी. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे पंजाब रेजिमेंट के जवानों ने मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना की पूरी टैंक रेजिमेंट के खिलाफ अपनी पोस्ट को बचाए रखा था.
द लेजेंड ऑफ भगत सिंह
भगत सिंह भारतीय सिने जगत के पसंदीदा आजादी के सिपाही रहे हैं, और उन पर फिल्म बनाने का ख्वाब अधिकतर निर्देशकों का रहा है. 2002 में आई निर्देशक राजकुमार संतोषी की फिल्‍म  ‘द लेजेंड ऑफ भगत सिंह’ ने लगभग हर किसी की जुबां पर शहीद भगतसिंह का नाम फिर से चढ़ा दिया. ऑन स्क्रीन भगत सिंह अजय देवगन के काम को काफी सराहा भी गया था.
लगान

अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद करने और देशभक्ति से भरपूर फिल्म ‘लगान’ में आमिर खान ने बेहतरीन अभिनय कर दर्शकों के दिल पर राज किया. आशुतोष गोवारिकर द्वारा निर्देशित ‘लगान’ में आमिर खान, ग्रेसी सिंह, पॉल ब्लैकथॉर्न जैसे कलाकार नजर आए. ‘लगान’ को ऑस्कर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था. फिल्म में क्रिकेट और देशभक्ति के जज्बे का मिक्सचर पेश किया गया था.

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