अरुण जेटली से जुड़े मानहानि केस की सुनवाई तेज करने पर सवाल उठाने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने केजरीवाल से कहा, ‘हम पहली बार सुन रहे हैं कि एक पक्ष केस की तेजी से सुनवाई को लेकर दुखी है, क्योंकि यह खत्म हो जाएगा।’ बता दें कि केजरीवाल की ओर से दायर एक पिटीशन में तेज ट्रायल के फैसले पर सवाल उठाए गए।
जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने शुक्रवार को केजरीवाल से पूछा कि वह ऐसी अपीलें क्यों दायर कर रहे हैं? उनके वकील से कहा, ”आप अपने मुवक्किल को यह सलाह क्यों नहीं देते कि ऐसी अपीलें दायर करने की बजाय इस मामले को अंजाम तक पहुंचने दें। मुकदमों की सुनवाई में हो रही देरी पर अदालत को सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना था। तेजी से सुनवाई करना हमारा काम है। इसके लिए किसी एक जज को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।’
इस मामले में एक जज ने 26 जुलाई को ज्वाइंट रजिस्ट्रार को ऑर्डर दिया था कि वह सिविल मानहानि के मामले में सबूत और बयान दर्ज करने की प्रक्रिया तेज करे। केजरीवाल के वकील अनूप जॉ र्ज चौधरी का कहना था कि जब सबूत और बयान दर्ज किए जाने की प्रक्रिया चल रही हो, तो कोई जज उसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
जेटली ने केजरीवाल और आप के 5 अन्य नेताओं राघव चड्ढा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक बाजपेई के खिलाफ मानहानि का मामला दायर कर रखा है। इन लोगों ने जेटली पर आरोप लगाया था कि 2000 से 2013 तक डीडीसीए के प्रेसिडेंट रहते उन्होंने करप्शन किया।