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उपचुनाव नतीजे : बवाना सीट पर AAP का कब्जा, गोवा की दो सीटें BJP के खाते में….

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23 अगस्त को 3 तीन राज्यों की 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे. गोवा के पणजी और वालपोई में हुए उपचुनाव में बीजेपी को जीत मिल गई है. पणजी सीट से पर्रिकर 4803 वोट से जीते. उन्होंने कांग्रेस के गिरीश चोडंकर को हराया. वहीं वालपोई से भी बीजेपी के विश्वजीत राणे जीत गए है. इसके अलावा दिल्ली की बवाना सीट पर आप की बड़ी जीत हुई है. यहां से आप के उम्मीदवार रामचंद्र 24052 वोट से जीते हैं. इसके अलावा 23 अगस्त को आंध्र प्रदेश के नांदयाल विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुए थे, यहां भी आज ही वोटों की गिनती हो रही है. इस सीट से टीडीपी के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं.

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि मैं प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते हार की जिम्मेदारी लेता हूं. जीत सबकी होती हैं, लेकिन हार की जिम्मेदारी सिर्फ कैप्टन की होती है. अरविंद केजरीवाल को जीत की बधाई. अब वो ईवीएम को दोष देना बंद करें और आगे बढ़ें. इस हार की समीक्षा की जाएगी. बहुत सी छोटी-छोटी गलतियां हुई हैं. उनको दूर किया जाएगा.

नोज तिवारी ने कहा कि ये सीट आम आदमी पार्टी के पास थी वो अपनी सीट को बचाने में कामयाब रहे. उनके विधायक ने इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए थे, हमने उनको ही टिकट दिया था. हमसे गलतियां हुई हैं, हम इस हार से सीखेंगे.

अपडेट

बवाना सीट से AAP के उम्मीदवार रामचंद्र 24052 वोट से जीते. बीजेपी दूसरे और कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही.

बवाना में 25 राउंड की गिनती के बाद आप को 56178, बीजेपी को 33046 और कांग्रेस को 29459 वोट

बवाना में 20 राउंड की गिनती के बाद आप को 45688, बीजेपी को 25099 और कांग्रेस को 26559 वोट

कपिल मिश्रा ने दी केजरीवाल को बधाई

नांदयाल में 10वें दौर के बाद टीडीपी के भूमा ब्रह्मानंद रेड्डी 19706 वोट से आगे.

बवाना में 16वें दौर की गिनती के बाद आप को 34653, बीजेपी को 21378 और कांग्रेस को 23736 वोट.

नांदयाल सीट पर 8वें दौर के बाद टीडीपी 17 हजार से ज्यादा वोट से आगे.

बवाना में 14वें राउंड के बाद आप को 27647 वोट, बीजेपी को 19542 वोट और कांग्रेस को 22936 वोट.

नांदयाल में कांग्रेस के लिए शर्मनाक स्थिति, 7वें राउंड के बाद 322 वोट मिले हैं, जबकि नोटा को 547 वोट मिले हैं.

11वें दौर की गिनती के बाद बवाना में फिर कांग्रेस आगे.

वालपोई में बीजेपी के विश्वजीत राणे 10,066 वोटों के अंतर से जीते.

बवाना में 8वें दौर के बाद AAP आगे. आप को 15979 वोट, बीजेपी को 11806 और कांग्रेस को 15640 वोट मिले हैं.

बवाना में छठे राउंड की गिनती के बाद आप को 9499 वोट, बीजेपी को 9745 वोट, और कांग्रेस को 13182 वोट मिले हैं.

 नांदयाल में तीसरे दौर की गिनती के बाद टीडीपी 6000 वोट से आगे. TDP को 17,697 वोट, YCP को 11,624 और कांग्रेस को सिर्फ 211 वोट मिले हैं.

पणजी उपचुनाव में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर जीते. पर्रिकर 4803 वोट से जीते.

बवाना में 5वें दौर की गिनती के बाद आप को 7204, बीजेपी को 8511 और कांग्रेस को 11097 वोट

नांदयाल में तेलुगू देशम पार्टी दूसरे दौर के बाद 2832 मतों के अंतर से आगे

बवाना: चौथे दौर की गिनती के बाद आप को 6256, बीजेपी को 6899 और कांग्रेस को 8996 वोट

नांदयाल में पहले राउंड में टीडीपी को बढ़त.

दूसरे राउंड के बाद पर्रिकर 4520 वोट से आगे

बवाना में तीसरे दौर की गिनती के बाद: आप 5081, बीजेपी 5145, कांग्रेस 6355

पणजी में पहले राउंड में पर्रिकर आगे चल रहे हैं, वहीं वालपोई में बीजेपी के विश्वजीत राणे आगे चल रहे हैं.

बवाना सीट पर दो राउंड की गिनती में कांग्रेस के उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार को 3796 वोट, जबकि बीजेपी उम्मीदवार वेदप्रकाश को 3154 वोट, तो आम आदमी पार्टी के नेता रामचंद्र को 3451 वोट हासिल हए हैं.

बवाना विधानसभा सीट से दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला है. तीनों दलों ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस विधानसभा सीट को जीतने के लिए जी जान लगा रखी है. चुनाव मैदान में आठ उम्मीदवार हैं, लेकिन मुकाबला आप, बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. दिल्ली में मतदाताओं की दृष्टि से सबसे बड़े इस विधानसभा क्षेत्र में 23 अगस्त को मतदान हुआ था.

वैसे वोट प्रतिशत 45 फीसदी ही रहा, जबकि 2015 के चुनाव में इस सीट पर 61.83 फीसद मतदान हुआ था. दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में आप के पास 65 सीटें हैं, जबिक बीजेपी के पास चार सीटे हैं. कांग्रेस बवाना सीट जीतकर सदन में अपना खाता खोलने की आस लगाए हुए है. इस साल पहले हुए राजौरी गार्डन उपचुनाव में बीजेपी ने आप से यह सीट हथिया ली थी. तब कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही थी.

बीजेपी ने वेद प्रकाश हैं उम्मीदवार

बवाना उपचुनाव के लिए बीजेपी ने वेद प्रकाश को चुनाव मैदान में उतारा है, जो आप उम्मीदवार के तौर पर 2015 का विधानसभा चुनाव इस सीट से जीते थे, लेकिन उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया और वह बीजेपी में शामिल हो गए. आप ने यहां से रामचंद्र को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने बवाना से तीन बार विधायक रहे सुरेंद्र कुमार पर दांव लगाया है.

पर्रिकर के सहयोगी ने छोड़ी थी सीट

पर्रिकर की पार्टी के सहयोगी सिद्धार्थ कुंकोलिएंकर ने उनके लिए पणजी की यह सीट छोड़ दी थी, जो फरवरी में विधानसभा चुनावों में पणजी से चुने गए थे. राणे कांग्रेस की टिकट पर वालपोई से निर्वाचित हुए थे. बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ने के साथ ही विधायक के पद से भी इस्तीफा दे दिया. इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए, जहां उन्हें मंत्री बना दिया गया था. पणजी और वालपोई में क्रमश: 70 प्रतिशत और 79.80 प्रतिशत मतदान हुआ था.

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