कोटखाई के गुड़िया गैंगरेप हत्याकांड मामले में नया मोड़ आ गया है। गुड़िया मामले की छानबीन कर रही सीबीआई को एक कुतिया की तलाश है। दांदी जंगल और हलाइला गांव से गेरूए रंग की एक कुतिया लापता हो गई है। यह कुतिया गुड़िया के हत्यारों को फांसी तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा सकती है। दरअसल सीबीआई ने पिछले दिनों गुड़िया के दोनों मामा को भी बानकुफर वन विश्राम गृह बुलाकर इसके बारे में जानकारी हासिल की। गुड़िया के एक मामा ने सीबीआई को बयान दिया है कि ये कुतिया काफी दिनों तक पुलिस के पास भी रही है। रविवार को भी सीबीआई इस मामले पर स्थानीय लोगों से पूछताछ करती रही। क्या गुड़िया हत्याकांड को अंजाम देने वाले हत्यारों ने इस कुतिया को भी मार दिया है या वह इस क्षेत्र से कहीं दूसरी जगह चली गई है? ऐसे में यह सवाल सोचने वाला है।
ऐसे सामने आया था कुतिया का कनेक्शन
पिछले दिनों सीबीआई की टीम ने दोबारा गुड़िया के दोनों मामा से पूछताछ की है। इस बार सीबीआई के जांच अधिकारी जंगल से लापता हुई गेरूए रंग की कुतिया के बारे में बार-बार पूछ रहे थे। इन अधिकारियों को उन्होंने बताया कि 6 जुलाई को जब गुड़िया का शव दांदी जंगल में देखा तो नीचे की ओर एक गेरूए रंग की कुतिया भी थी। इस कुतिया में हल्के काले निशान भी थे। वह यह भी पूछताछ कर रही है कि ये कुतिया कहां-कहां जाती थी? कौन उसे खाना देता और खिलाता था? पुलिस की छानबीन के दौरान भी यह कुतिया कुछ दिन यहीं आसपास ही थी। अब वह नजर नहीं आ रही है। फिलहाल सीबीआई इसके मिल जाने के बाद पशुओं के व्यवहार की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों की मदद से इस मामले में कोई कनेक्शन खोज सकती है।
सीबीआई का बानकुफर में डेरा, मामले की जांच करने पहुंचे नए अधिकारी
सीबीआई की टीम ने पिछले कई दिनों से बानकुफर स्थित विश्राम गृह में अपना डेरा डाला हुआ है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने नई दिल्ली से कुछ अन्य अनुभवी अधिकारियों को भी शिमला भेजा है। इनमें एक महिला अधिकारी भी हैं। वह इस क्षेत्र के काफी लोगों के ब्लड सैंपल भी ले चुकी है। इनका डीएनए किया जा रहा है।