मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सहरिया, भारिया और बैगा जनजाति के युवाओं के लिये पुलिस आरक्षक भर्ती का विशेष अभियान चलाया जायेगा। व्यापम की लिखित परीक्षा से छूट मिलेगी। अभ्यार्थियों का मेरिट के आधार पर चयन होगा। इन्हें खदानों का संचालन भी सौंपा जाएगा। इनकी जमीनों से अवैध कब्जा हटाने और इन्हें पक्के मकान उपलब्ध कराने का भी अभियान चलाया जाएगा। इनके लिये अलग से रोजगार मेले भी आयोजित किये जाएंगे। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास पर सहरिया, भारिया और बैगा संगठन के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री श्री रामपाल सिंह भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर कहा है कि विकास की दौड़ में पीछे रह गए इस संगठन के लोगों के साथ सरकार है। इन्हें मान-सम्मान के साथ जीवन यापन के सभी अवसर उपलब्ध कराने में सरकार पीछे नहीं रहेगी। श्री चौहान ने इस संगठन को निरंतर मजबूत बनाने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उपलब्धतानुसार आश्रमों और छात्रावासों के अधीक्षक और वार्डन अनुसूचित जनजाति के ही नियुक्त होंगे। वनोपज समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि चरण पादुका योजना के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के वनोपज संग्राहक भाईयों को जूते और बहनों को चप्पलें तथा जंगल में ठंडे पीने के पानी के लिये थर्मल कुप्पी भी दी जा रही है। श्री चौहान ने कहा कि पालपुर कूनो अभ्यारण के विस्थापित 28 गांवों के मुआवजे से वंचित निवासियों को आगामी दो माह में मुआवजा दिलवाया जाएगा। संभागायुक्त इसकी मॉनीटिरिंग करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सहरिया-भारिया और बैगाओं की जमीन पर अवैध कब्जों को बलपूर्वक हटाया जाएगा। इसके लिये विशेष अभियान चलेगा। खनिज का अवैध परिवहन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार ऐसी व्यवस्था बनवा रही है कि खदानों का संचालन अनुसूचित जनजाति के द्वारा किया जाए ताकि युवाओं को रोजगार मिले। इसके लिये विशेष प्रावधान करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर अनुसूचित जनजाति के गरीब व्यक्तियों को कर्ज के जाल में फँसाकर उनकी हड़पी गई भूमि की जानकारी मिलेगी तो उनको तत्काल भूमि वापस दिलवा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मदिरा के अवैध विक्रय को सख्ती के साथ प्रतिबंधित किया जाएगा। अवैध रूप से मदिरा का विक्रय करने वालों को कठोर सजा मिलेगी। नशामुक्त समाज निर्माण का अभियान भी चलाया जाएगा। जबरन मजदूरी की जानकारी मिलने पर सख्त कार्रवाई होगी।
श्री चौहान ने कहा कि गरीबी दूर करने के लिये केवल सरकारी नौकरी और खेती पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। जरूरी है कि पशुपालन और अन्य उद्योग, व्यवसायों में भी रोजगार निर्मित हो। युवा आईटीआई का प्रशिक्षण भी प्राप्त करें ताकि उनके लिये रोजगार और स्वरोजगार के नये अवसर निर्मित हों। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना संचालित की गई है, जिसमें 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक का ऋण सरकार की गारंटी पर दिया जा रहा है। पंद्रह प्रतिशत अनुदान और पांच वर्षों तक पांच प्रतिशत ब्याज सब्सिडी भी दी जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोशिश है कि जनजाति वर्ग युवा नौकर नहीं, नौकरी देने वाले बनें। उन्होंने कहा कि श्योपुर अथवा कराहल में शीघ्र ही सम्मेलन कर भारिया, सहरिया और बैगा जनजातियों की आशाओं और अपेक्षाओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त की जाएगी।