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म.प्र. में खोले जायेंगे 1000 जन औषधि केन्द्र : केन्द्रीय रसायन राज्य मंत्री श्री मण्डाविया….

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लोगों को मिलेंगी सस्ती दवाइयाँ, मात्र 72 घंटे में जन औषधि केन्द्रों पर उपलब्ध होंगी जेनेरिक दवाएँ
सिर्फ जेनेरिक दवाएँ खरीदी जायेंगी, चिकित्सक जेनेरिक दवाएँ भी लिखें : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना की शुरूआत क्रांति का शंखनाद है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब जेनेरिक दवाएँ खरीदी जायेंगी। जेनेरिक दवाओं के उपयोग और असर से संबंधित भ्रांतियाँ दूर करने के लिये जन-जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने सभी चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे कंपनी की दवाएँ लिखने के साथ जेनेरिक दवाएँ भी लिखें। उन्होंने कहा कि भारतीय जन औषधीय परियोजना का क्रियान्वयन जन अभियान परिषद करेगी। उन्होंने जन हितैषी योजना के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। श्री चौहान ने कहा‍कि चिकित्सकीय सुविधाओं और दवाओं के संबंध में अतिशयोक्तिपूर्ण विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिये भी कदम उठाये जाना चाहिये।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ प्रशासन अकादमी में राज्य सरकार और केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के औषधि विभाग के बीच जन औषधि केन्द्र शुरू करने के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर होने के बाद जेनेरिक औषधि के उपयोग पर कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के औषधि विभाग के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। राज्य शासन की ओर से जन अभियान परिषद के कार्यपालक निदेशक श्री उमेश शर्मा और भारत सरकार की ओर से ब्यूरो आफ फार्मा पीएसयू के सीईओ श्री विप्लव चटर्जी ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये। उल्लेखनीय है कि जेनेरिक दवाइयाँ, ब्राण्डेड व महंगी दवाइयों की तुलना में अत्यंत किफायती दामों पर उपलब्ध होगी। इनके घटक एवं रचनाएँ एक जैसी होती हैं। अन्य किसी भी ब्राण्डेड की तुलना में इन दवाइयों का कोई दुष्परिणाम भी नहीं होता।

श्री चौहान ने कहा कि जेनेरिक दवाओं के लाभ को जनता के सामने लाना होगा। उन्होंने कहा कि गरीबों का सही समय पर असरकारक और सस्ता इलाज होना चाहिये। इससे बीमारी में लगने वाला पैसा बचेगा और जनता को बड़ी राहत मिलेगी।

मध्यप्रदेश हर क्षेत्र में आगे बढ़ा – केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री मण्डाविया

केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख मण्डाविया ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को नवाचारी मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि मध्यप्रदेश हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। यह गरीबों की सेवा और गरीबोन्मुखी योजनाएँ बनाने के लिये जाना जाता है।

श्री मण्डाविया ने कहा कि जेनेरिक दवाओं और कंपनी की ब्रांडेड दवाओं में सिर्फ कंटेट का फर्क होता है। ब्रांडेड दवाएँ नाम से बिकती हैं। उन्होंने कहा कि जनौषधि परियोजना गरीबों की सेवा के लिये है।

श्री मण्डाविया ने कहा कि भारत में बन रही जेनेरिक दवाएँ गुणवत्ता से भरपूर हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुमोदित हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने हृदय रोग के लिये काम आने वाले स्टेण्ट की कीमत बहुत कम कर दी है जो लाखों में होती थी। उन्होंने कहा कि जेनेरिक दवाओं के कारण केवल दो साल में जनता का 8400 करोड रूपये बचा है, जो महंगे इलाज में खर्च होता। उन्होंने बताया कि जन औषधि केन्द्रों में जेनेरिक दवाओं के प्रदाय की कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था की जा रही है। औषधिक केन्द्रों में दवाओं का स्टाक कम होते ही केन्द्रीय प्रदाय तंत्र तक सूचना पहुँच जायेगी और मात्र 72 घंटे के अंदर जन औषधि केन्द्रों पर स्टाक पहुँच जायेगा। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में 1000 जन औषधि केन्द्र खोलने का लक्ष्य तय किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने कहा कि जन औषधि केन्द्रों से जरूरतमंद गरीब परिवारों को बहुत राहत मिलेगी।

मिलेंगे रोजगार के अवसर

जेनेरिक दवाइयों के स्टोर खुलने से प्रदेश स्तर पर रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। साथ ही योजनांतर्गत जेनेरिक स्टोर खोलने वाले व्यक्ति को जेनेरिक दवाइयों पर अनुदान के रूप में 24 माह तक प्रतिमाह 10 हजार के मान से कुल 2 लाख 50हजार का वित्तीय सहयोग भी दिया जायेगा। दवाइयों की बिक्री पर डिस्ट्रीब्यूटर को 10 प्रतिशत एवं रिटेलर को 20 प्रतिशत का लाभ प्राप्त होगा।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव योजना श्री दीपक खांडेकर एवं भारतीय जन औषधि परियोजना के अधिकारी उपस्थित थे। जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री प्रदीप पांडे ने आभार व्यक्त किया।

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