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राम रहीम के खिलाफ चल रहे केस में कोर्ट में बयान देगा ड्राइवर खट्टा सिंह….

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 डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ हत्या के दो मामलों में आज यानी शनिवार को सीबीआई कोर्ट में अंतिम जिरह शुरू हो गई. वहीं, गुरमीत के पूर्व ड्राइवर ने उसके खिलाफ नया बयान दर्ज करने के लिए एक आर्जी दायर की है. गुरमीत के पूर्व चालक खट्टा सिंह के वकील नवकिरण सिंह ने कहा कि उनका मुवक्किल ने पंथ प्रमुख के खिलाफ नया बयान दर्ज कराने के लिए अदालत दरवाजा खटखटाया है.  खट्टा हत्या के मामलों में एक गवाह है और 2012 में वह अपने बयान से मुकर गया था. नवकिरण ने आरोप लगाया कि वह गुरमीत और उसके ‘गुंडों’ के दवाब में मुकरा था. न्यायाधीश जगदीप सिंह की अदालत ने उसकी अर्जी पर सुनवाई के लिए 22 सितंबर की तारीख मुकर्रर कर दी है.

50-वर्षीय गुरमीत फिलहाल रोहतक जेल में बंद है और इस मामले की सुनवाई के लिए वह सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश हुआ. नवकिरण खट्टा सिंह ने बताया कि डर के कारण खट्टा सिंह ने अपनी स्टेमेंट चेंज कर दी थी. खट्टा सिंह के हवाले से एएनआई ने कहा कि मुझे डर था कि वे मुझे और मेरे बेटे को मार देंगे. हमें धमकी दी गई थी. बता दें कि सुरक्षा के लिहाज से पंचकूला में अर्द्धसैनिक बलों और हरियाणा पुलिस की टुकड़ियों को तैनात किया गया है. वह बलात्कार के दो मामलों में 20 वर्ष कैद की सजा भुगत रहा है. सीबीआई अदालत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामलों की सुनवाई हुई है. हत्या के लिए उम्रकैद या मृत्युदंड का प्रावधान है.

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बीएस संधू ने बताया था, ‘मामलों में सुनवाई से पहले हमने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं.’ उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पंचकूला में अर्द्धसैनिक बलों और हरियाणा पुलिस की टुकड़ी को तैनात किया गया है.’

संधू ने कहा, ‘राम रहीम के खिलाफ मामले में सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होगी जो रोहतक जेल में बंद है.’ बलात्कार के दो मामलों में सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 अगस्त को राम रहीम को 20 वर्ष कैद की सजा सुनाई थी. सीबीआई के वकील एचपीएस वर्मा ने बताया, ‘हत्या के दो मामलों में अंतिम जिरह शनिवार से शुरू होगी.’

अभियोजन के मुताबिक सिरसा के पत्रकार छत्रपति की अक्तूबर 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनके अखबार ‘पूरा सच’ ने एक गुमनाम पत्र छापा था जिसमें बताया गया था कि किस तरह से सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में महिलाओं का यौन उत्पीड़न होता था.

दूसरा मामला डेरा के प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या से जुड़ा हुआ है जिनकी 2002 में हत्या हुई थी. अज्ञात पत्र को प्रसारित करने में उनकी संदिग्ध भूमिका के लिए उनकी हत्या की गई थी. हत्या का शिकार बने दोनों लोगों के परिजन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने नवम्बर 2003 में सीबीआई जांच के आदेश दिए .बता दें कि हत्या मामले में सीबीआई ने 30 जुलाई 2007 को आरोपपत्र दायर किया था.

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