Home प्रादेशिक राजस्व संबंधी अप्रासंगिक कानून समाप्त होंगे : मुख्यमंत्री श्री चौहान…

राजस्व संबंधी अप्रासंगिक कानून समाप्त होंगे : मुख्यमंत्री श्री चौहान…

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नया भू-प्रबंधन अधिनियम बनेगा : राजस्व प्रशासन बनेगा सिटीजन फ्रेण्डली
मुख्यमंत्री द्वारा राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देश

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि राजस्व विभाग से संबंधित अप्रासंगिक कानून समाप्त किये जायें और नये सरल कानून बनाये जायें। राजस्व प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया जाये। नया भू–प्रबंधन अधिनियम बनाया जाये। आम जनता के हित में राजस्व संबंधी यह कार्य समय-सीमा में क्रियान्वित किये जायें। उन्होंने कहा कि राजस्व संबंधी कार्य राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राजस्व प्रशासन को सिटीजन फ्रेण्डली बनाया जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ मंत्रालय में राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में राजस्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह, राज्य भूमि सुधार आयोग के अध्यक्ष श्री आई.एस. दाणी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राजस्व विभाग में सभी रिक्त पदों पर भर्ती समय-सीमा में पूरी करें। राजस्व ग्रामों में कोटवारों की व्यवस्था को फिर से लागू करें। पटवारियों तथा अन्य राजस्व अमले के प्रशिक्षण की बेहतर व्यवस्था की जाए। राजस्व विभाग में पदों का युक्तियुक्तकरण किया जाए। नजूल के पट्टों के नवीनीकरण की योजना बनाएं। नई बसाहटों का नजूल सर्वे किया जाए। राजस्व न्यायालयों के लिये रीडरों का नया कैडर बनायें। राजस्व निरीक्षण वृत्तों का पुनर्गठन किया जाए। राज्य स्तर पर विभाग में विधिक सलाह प्रकोष्ठ गठित किया जाए। पटवारियों के लिये हल्कों में पटवारी सह आवास कार्यालय बनाये जाए। राजस्व अभिलेखों के संधारण के लिये आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाए। राजस्व न्यायालयों में संसाधन बढ़ाये जाए।

प्रोटोकॉल जैसे कार्यों के लिये अलग से कैडर

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राजस्व अमले के काम निर्धारित किये जाएं। प्रोटोकॉल जैसे कार्यों के लिये अलग से कैडर बनाने पर विचार किया जाए। पशु संगणना तथा वर्षा मापन जैसे कार्यों को संबंधित विभागों को सौंपा जाए। राजस्व विभाग में रिकॉर्ड रूम की व्यवस्था में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाए। राजस्व न्यायालयों में विभिन्न स्तरों पर लंबित प्रकरणों के बैकलॉग को समाप्त करने का समयबद्ध कार्यक्रम बनाए। उच्च न्यायालय के आदेशों को हिन्दी में अनुवाद करने की व्यवस्था की जाए। राजस्व संबंधी प्रकरणों के समय-सीमा में निराकरण के लिये मुख्यमंत्री हेल्प लाइन में अलग से व्यवस्था की जाए। भूमि के रिकॉर्ड का बेहतर प्रबंधन किया जाए। राजस्व न्यायालयों की कार्य प्रणाली में सुधार किया जाए। प्राकृतिक आपदा के समय लोगों तक राहत पहुँचाने की व्यवस्था को मजबूत बनाया जाए।

मोबाइल एप्प पर खसरे की नकल

राजस्व मंत्री श्री गुप्ता ने कहा कि राजस्व प्रकरणों में शासकीय वकील नियुक्त किये जाएं। मोबाइल एप्प पर खसरे की नकल उपलब्ध कराई जाए। पटवारियों की पदोन्नति की व्यवस्था बनाई जाए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में राजस्व खातों की संख्या एक करोड़ 41 लाख है। प्रदेश में राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये अभियान शुरू किया गया है। पिछले ड़ेढ़ माह में राजस्व संबंधी 4 लाख 86 हजार 260 प्रकरण निराकृत किये गये हैं। राजस्व विभाग में तकनीकी के उपयोग के लिये वेबजीआईएस, मॉर्डन रिकॉर्ड रूम, नक्शों का डिजीटाइजेशन, सर्वे प्रोजेक्ट तथा रेवेन्यू कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम क्रियान्वित किया जा रहा है।

बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व श्री अरूण पांडे, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव द्वय श्री अशोक वर्णवाल और श्री एस.के. मिश्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री हरिरंजन राव, श्री विवेक अग्रवाल, आयुक्त भू-अभिलेख श्री एम.के. अग्रवाल तथा राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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