Home पर्यटन पहाडो के बीच बसे हिमालयन नेशनल पार्क……

पहाडो के बीच बसे हिमालयन नेशनल पार्क……

64
0
SHARE

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित The Great Himalayan National Park (GHNP) को यूनेस्को ने हाल ही में विश्व धरोहरों की सूची में शामिल किया है | बर्फ से ढके पहाडो के बीच बसा यह खुबसुरत  पार्क जैव विविधताओं से भरा है | यहाँ तरह  तरह के जीव-जन्तु और औषधीय पौधे पाए जाते है | अगर आप  बची हुयी छुट्टियों में किसी हिल स्टेशन जाने का प्लान बना रहे है तो यहा जाना बेहद दिलचस्प होगा |

द ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है | इसका निर्माण 1984 में हुआ था | उस समय इसकी सीमा तय कर इसे घेरा गया ताकि इसमें रहने वाले जानवरों को शिकार से बचाया जा सके |

विश्व विरासत स्थल

ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को विश्व धरोहर का दर्जा मिल गया है। कुल्लू ज़िला के इस नेशनल पार्क पर यूनेस्को की विश्व धरोहर टीम ने मुहर लगाई है। 15 से 25 जून को कतर के दोहा में यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शिक्षण वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संघ) टीम की बैठक में विश्व के 32 प्रस्तावों पर मंथन हुआ है। कालका-शिमला रेलवे लाइन के बाद यह दूसरी धरोहर बन गई है, जिसे यह दर्जा मिला है। वर्ष 2012 के मार्च में यूनेस्को ने ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को इसके लिए नामांकित किया था। इसके बाद संबंधित टीम ने डॉ. बॉरबाय के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश दौरे के लिए पहुंची और कई मामलों में नए सिरे से रिपोर्ट सौंपने को कहा। 22 नवंबर 2013 को मांगे गए हर पहलू पर राज्य सरकार ने इसे विश्व धरोहर घोषित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया। दोहा में हुई बैठक में इसके लिए वन विभाग के प्रधान मुख्य अरण्यपाल आरके गुप्ता ने प्रस्तुति दी।

1999 में इसे राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया | 1994 में पार्क के पश्चिमी भाग से लेकर 5 किमी तक के क्षेत्र को एकोजोन घोषित किया गया |

इस क्षेत्र में करीब 1500 लोग रहते है यहा के लोग अपनी जीविका के लिए प्राकृतिक संसाधनों पर ही निर्भर है |

1994 में ही सैंज वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का निर्माण हुआ | इस पार्क के उत्तरी छोर पर तीर्थान वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का निर्माण किया गया |

पार्क का क्षेत्रफल 754 वर्ग किम है लेकिन इसके नजदीकी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को मिलाकर यह 1171 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है |

इस पार्क में कई बहुमूल्य वनस्पतिया पायी जाती है साथ ही यहा 375 प्रजातियों के जीव-जन्तु निवास करते है इनमे 31 स्तनधारी जन्तु , 181 पक्षी , 3 रेपटाइल , 9 अम्फिबियन , 11 अन्नेलिड्स , 17 मोलस्क और 127 प्रकार के कीट है |

यहा के सभी जीव -जन्तु वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट ऑफ़ 1972 के तहत कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रहते है इसलिए यहाँ किसी भी तरह का शिकार प्रतिबंधित है |

यहा का सबसे ऊँचा शिखर समुद्र तल से 5800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है | पार्क का उत्तरी दक्षिणी और पूर्वी भाग हमेशा बर्फ के ढलवा टीलो से घिरा रहता है एक तरह से ये इसके लिए सुरक्षा प्रहरी का काम करते है |

इतनी ऊँचाई पर होने के कारण यहा काफी जैव विविधता देखने को मिलती है | यहा उत्तर-पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में पाए जाने वाले पौधे , अल्पाइन ,ग्लेशियल ,समशीतोष्ण कटिबन्धीय और सब ट्रोपिकल वन पाए जाते है |

यहा सेंज और तीर्थान की निर्जन घाटियों में अनेको दुर्लभ जीव-जन्तुओ जैसे मास्क डिअर , ब्राउन बीयर , गोराल , थार , तेंदुआ , बर्फानी तेंदुआ , भराल , सीरो , मोनल , कलिज , कोकलास ,चीयर ,ट्रागोपान , बर्फानी कौया अदि का बसेरा है |

इस पार्क के नजदीक बसे क्षेत्र के लोगो के लिए पानी का स्त्रोत पार्क में मौजूद ग्लेशियर से निकलने वाली चार नदियाँ है यहा के जंगल से उन्हें कई सारी चीज शहद ,फल , मेवे , फुल ,जलावन की लकडिया और पेड़ो के छाल आदि मिलते है |

हिमालयन नेशनल पार्क में जड़ी-बूटियों का बहुत बड़ा खजाना है | एकोजोन में रहने वाले लोगो को इनकी अच्छी पहचान है |

सितम्बर से नवम्बर के बीच यहा का प्राक्रृतिक दृश्य बहुत ही खुबसुरत होता है | इस समय क्षेत्र में पाए जाने वाले जानवर प्रवास करना शुरू करते है इस दौरान यहा नीली भेड़े , बर्फ में रहने वाली छिपकली ,  हिमालय क्षेत्र में पाया जाने वाला भूरा भालू और कस्तुरी मृग को आसानी से देखा जा सकता है |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here