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रोहिंग्या मुसलमानों पर मोहन भागवत- मानवता के नाम पर हम अपनी मानवता नहीं खो सकते….

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आज नागपुर में आरएसएस की स्थापना दिवस को सेलिब्रेट किया जा रहा है. आज विजयदशमी भी है और हर साल की तरह आज भी इस अवसर पर कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आज अपना शक्ति प्रदर्शन किया. स्वयंसेवको का पथ संचलन सुबह 6.15 बजे रेशमबाग मैदान से शुरु हुआ जो पूरे शहर से होकर गुजरा. आज आरएसएस का स्थापना दिवस है और इस मौके पर संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने डोकलाम, कश्मीर, रोहिंग्या और गोरक्षा जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी.

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने विजय दशमी के मौके पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 70 साल में पहली बार दुनिया का भारत की तरफ ध्यान गया है। सीमा पर हम जवाब दे रहे हैं। डोकलाम विवाद में भी हमने भारतीय गौरव को झुकने नहीं दिया। इस मौके पर उन्होंने मोदी सरकार के काम और योजनाओं की तारीफ की। उन्होंने कहा कि हमारे यहां विदेशी आए और हमने राष्ट्र को खो दिया। लेकिन राष्ट्र की विचारधारा सतत चलती रही। जब सारी बातों जैसे सुरक्षा, अर्थव्यवस्था में संस्कृति झलकती है तो दुनिया में उस देश को मान्यता मिलती है। अब गौरव-अभिमान का भाव जगाने की थोड़ी अनुभूति होने लगी है।

– गोरक्षा की आड़ में हिसा करने वालों पर कानून लेगा एक्शन, गोरक्षकों को डरने की जरूरत नहीं और अपने काम को देते रहे अंजाम।

– कश्मीर में पिछले 2-3 महीने महीनों में हालात काफी बदले हैं। पहले लगता था कि कश्मीर में क्या होगा, लेकिन जिस तरह से सेना को जिस तरह से ताकत दी है और उन्होंने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की है उसने आतंकियों की शक्तिधारा को बंद कर दिया है।

– बांग्लादेश की सीमा पर गायों की तस्करी चलती है, घुसपैठ चलती है। मौजूदा वक्त में रोहिंग्याओं की समस्या चल रही है।

– रोहिंग्या को बसाया तो न केवल रोजगार पर संकट बनेंगे बल्कि सुरक्षा के लिए भी खतरा बढ़ेगा। मानवता के नाम पर हम अपनी मानवता नहीं खो सकते।

– रोहिंग्या का है जेहादी लिंक, जो भारत के लिए है खतरा

– म्यांमार से रोहिंग्या क्यों आ गए? उनकी अलगाववादी, हिंसक गतिविधियां जिम्मेदार हैं।
– मुंबई की जो हुआ वह दुखद घटना है, उसको लेकर सबकी मन में वेदना हुई है। जीवन में ऐसी बातों का सामना करके आगे बढ़ना पड़ता है।
– विजयादशमी का पर्व विजय देने वाला पर्व है।
– आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रैली से पहले शस्त्र पूजन किया। इसके बाद उन्होंने पारंपरिक आरएसएस परेड की सलामी ली।

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