जम्मू-कश्मीर में चोटीकांड के बाद लोग भड़के हुए हैं. हिंसा का दौर चल पड़ा है, लेकिन इसपर सेना प्रमुख का कहना है कि चोटी काटने की घटना देश भर में हुई है और ये कश्मीर में सेना के लिए चुनौती नहीं है, बल्कि कानून व्यवस्था का मामला है.
चोटीकांड की घटना के खिलाफ कश्मीर में हुई तीव्र प्रतिक्रिया को लेकर एबीपी न्यूज़ के सवाल के जवाब में सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा, “ये कोई चैलेंज या चुनौती नहीं है, बाकी देश के हिस्सों में ये हो रहा है इसे हम चुनौती के तौर पर नहीं देखते. ये एक आम कार्रवाई है. ये कश्मीर में कानून व्यस्था का मामला है. इसे कश्मीर पुलिस और प्रशासन देख रहा है.”
आपको बता दें कि चोटी कांड के विरोध मे आज अलगाववादियों ने घाटी में बंद बुलाया है और अलगाववादी माहौल को खराब करके इसका फायदा उठाना चाहते हैं.
दरअसल, आतंकियों के खिलाफ भारतीय सुरक्षाबलों की कार्रवाई से जम्मू कश्मीर में अलगाववादी इतने बौखला गए हैं कि अब अफवाह को आतंक का हथियार बना रहे हैं. ये अलगाववादी जम्मू कश्मीर में चोटी कटने की अफवाह फैलाकर दहशत पैदा करने की लगातार कोशिश हो रहे हैं.
आपको बता दें कि चोटीकांड को लेकर कश्मीर में हालात इतने खराब हो गए हैं कि चोटी काटने के आरोप में कश्मीर में जलती चिता में जिंदा इंसान को फेंका गया, फिर डल झील में एक युवक को डुबा कर मारने की कोशिश की गई.
हालात इतने खराब हैं कि श्रीनगर के नौहट्टा, खनयार, रैनावारी और मैसुमा समते 7 इलाकों में धारा 144 लगा दी गई है और कश्मीर यूनिवर्सिटी में होने वाली परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है.
याद रहे कि चोटी कटने की अफवाह की शुरुआत राजस्थान से हुई थी. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में भी ऐसी घटनाएं पेश आईं थीं. अब ये घटना कश्मीर की वादियों तक पहुंच चुकी है.