मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सपत्निक मुख्यमंत्री निवास में गोवर्धन की पूजा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवर्धन पूजा वास्तव में प्रकृति की आराधना है, भारतीय संस्कृति का आधार है।
श्री चौहान ने कहा कि गोवर्धन-पूजा प्रकृति के प्रति आदर और आभार व्यक्त करने का पर्व है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में पहाड़ों, नदियों, पेड़-पौधों, वनस्पतियों को पूजने की परंपरा है। इनके बगैर स्वस्थ्य एवं सुदीर्घ जीवन की कल्पना भी संभव नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषियों ने पर्यावरण बचाने की परिकल्पना की थी। भगवान श्रीकृष्ण ने विश्व को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया था।
श्री चौहान ने लोगों का आव्हान किया कि प्रकृति का दोहन करें, शोषण नहीं। उन्होंने कहा कि शोषण से प्रकृति में असंतुलन पैदा होता है और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। श्री चौहान ने आने वाली पीढ़ियों के लिये धरती और नदियाँ बचाने पर बल दिया। उन्होंने प्रकृति, पेड़-पौधों और पक्षियों के संरक्षण तथा गौमाता के संवर्धन की आवश्यकता प्रतिपादित की।
इस अवसर पर विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, भोपाल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओम यादव एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे।