उन्होंने कहा कि भारत अब 1962 वाला देश नहीं रहा और चीन को इस बात का एहसास भी हो गया है जिसके बलों को भारतीय जवानों की दृढ़ता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मजबूत भारत के उदय के कारण डोकलाम में पीछे हटना पड़ा। चौहान ने कहा, ‘‘आज का भारत 1962 का देश नहीं है।’’ वह यहां भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक स्वागत समारोह में भारतीय अमेरिकी समुदाय को संबोधित कर रहे थे।
चीन पर उनका बयान डोकलाम गतिरोध के दौरान तत्कालीन रक्षा मंत्री अरूण जेटली द्वारा दिए गए के बयानों की स्पष्ट रूप से याद दिलाता है।
जेटली से जब चीन की इस चेतावनी के बारे में पूछा गया था कि भारतीय सेना को ‘‘इतिहास से मिले सबक’’ से सीख लेनी चाहिए, तब उन्होंने कहा था, ‘‘वर्ष 1962 में हालात अलग थे और वर्ष 2017 का भारत अलग है।’’ पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष चेतावनी देते हुए चौहान ने कहा कि आतंकवाद पर ‘‘कोई समझौता’’ नहीं किया जाएगा। पाकिस्तान पर अपनी जमीन पर आतंकवादियों को पनाह देने के आरोप लगते रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई (देश) आतंकवाद के मुद्दे पर हमें उकसाने की कोशिश करता है तो भारत उसे नहीं बख्शेगा।’’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत वैश्विक शांति का सबसे बड़ा समर्थक है और दूसरों को उकसाना नहीं चाहता। उन्होंने हिंदी में सभा को संबोधित किया।
मध्यप्रदेश के सीएम के अमेरिकी दौरे को लेकर राज्य में निवेश के माहौल में बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है।