पिछले कुछ दिनों में गुजरात की राजनीति ने जो करवट ली उसके बाद से देश की निगाहें इस चुनाव पर है. सूत्र बता रहे हैं कि दो चरणों में चुनाव होगा. गुजरात चुनाव में इस बार सीधी टक्कर बीजेपी और कांग्रेस के बीच है.
तारीखों में एलान में देरी से विपक्ष का निशाना
गुजरात विधानसभा चुनाव दो चरणों में हो सकते हैं. चुनाव की तारीखों के एलान में देरी को लेकर विपक्ष लगातार चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर निशाना साध रहा था. चुनाव आयोग ने 12 अक्टूबर को हिमाचल चुनाव का एलान किया था. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव 9 नवंबर को होंगे लेकिन गुजरात चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा नहीं की थी. आलोचनाओं के बीच आयोग ने सोमवार को कहा कि गुजरात में चुनाव 18 दिसंबर से पहले होंगे.
क्यों अहम है गुजरात का रण?
गुजरात का चुनाव कितना अहम है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 बार गुजरात का दौरा कर चुके हैं. गुजरात चुनाव को 2019 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. इस चुनाव में 2019 के चुनाव से पहले मोदी लहर की हकीकत पता चलेगी.
अमित शाह के चुनाव प्रबंधन की भी बड़ी परीक्षा होगी तो दूसरी ओर राहुल गांधी के नेतृत्व पर उठ रहे सवालों के जवाब मिलेंगे. GST के बाद पहला चुनाव है इसलिए इसे GST का जनमत संग्रह भी माना जा रहा है.
आंकड़ों के जरिए समझें गुजरात का गणित
गुजरात में कुल सीटों की संख्या 182 है, 2012 के विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नजर डालें तो बीजेपी को 115, कांग्रेस को 61 और अन्य को 6 सीटें मिली थीं. 2012 के वोट फीसद की बात करें तो बीजेपी को 48%, कांग्रेस को 39% और अन्य को 13 फीसदी वोट मिले थे.
2014 लोकसभा चुनाव परिणाम पर भी एक नजर डाल लीजिए. गुजरात में लोकसभा की 26 सीटें हैं. बीजेपी के खाते सभी 26 सीटें आईं और 60 फीसदी वोट भी बीजेपी को मिला. कांग्रेस 33 फीसदी वोट तो मिला लेकिन पार्टी उसे सीटों में तब्दील नहीं कर पाई. वहीं के अन्य के खाते में सात फीसद वोट आए.
क्या कहते हैं ओपीनियन पोल?
एबीपी न्यूज ने अगस्त 2017 में ओपिनियन पोल कराया था. इसके नजीतों के मुताबिक एक बार फिर गुजरात की सत्ता बीजेपी के ही पास रहने वाली है. बीजेपी के खाते में 144-152 सीटें आने का अनुमान है. वहीं कांग्रेस को 26-32 सीटें मिल सकती हैं. तीन से सात सीट पर अन्य कब्जा जमा सकते हैं.