खेल और युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें आत्म निर्भर बनाना सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री का इस तरह युवाओं के बीच में आना कहीं न कहीं मनोबल बढ़ाता है। केंद्रीय मंत्री को छोटे से निवेदन पर आमंत्रित किया गया था और उन्होंने यहां आकर साबित किया है कि हमारी सरकार युवाओं के साथ खड़ी हुई है।
मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने बताया कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आई.सी.आई.सी.आई. फाउंडेशन के सहयोग से इंदौर में अप्रैल, 2015 में डी.एस.वाय.डब्ल्यू.-आई.सी.आई.सी.आई. अकादमी की स्थापना की गई। इसके माध्यम से 18 से 30 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं को ट्रैक्टर रिपेयरिंग, पम्प एवं मोटर रिपेयरिंग, रेफ्रिजरेशन एवं ए.सी. रिपेयरिंग, इलेक्ट्रिकल एवं होम एप्लाइन्स रिपेयरिंग, सेन्ट्रल ए.सी. रिपेयरिंग, ऑफिस एडमिस्ट्रेशन तथा सेलिंग स्किल विधाओं में तीन माह का निशुल्क उच्च स्तरीय प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है।
प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को निशुल्क आवास, भोजन एवं यूनिफार्म उपलब्ध कराया जाता है। विगत ढाई वर्षों में इस अकादमी के माध्यम से 3904 युवाओं को प्रशिक्षण एवं रोजगार उपलब्ध कराया गया है। भोपाल में वर्ष 2007-08 में व्ही.एल.सी.सी. अकादमी की शुरूआत की गई। इसकी सफलता के बाद वर्ष 2009 में इंदौर एवं वर्ष 2017 में ग्वालियर में इस अकादमी का विस्तार किया गया। अकादमी के माध्यम से अब तक 1425 युवाओं को प्रशिक्षण देकर आत्म निर्भर बनाया गया है।
भोपाल में आयोजित दीक्षांत समारोह में व्ही.एल.सी.सी. की संस्थापक वन्दना लूथरा ने स्वयं के संघर्ष एवं सफलता का जिक्र करते हुए युवाओं से कहा कि कौशल को अपना जुनून बनाकर अपने सपने साकार करें और आत्मनिर्भर बनकर अन्य युवाओं को भी आत्म निर्भर बनाएं। लूथरा ने खेल मंत्री के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि देश के युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए मप्र सरकार निरंतर प्रयासरत है।
वन्दना लूथरा ने बताया कि नॉलेज पार्टनर द्वारा देश भर में 24 से अधिक अकादमी संचालित की जा रही हैं। इन सभी अकादमियों में 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इनके माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। दीक्षांत समारोह में अकादमी से प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भर बने युवाओं, प्राची पोडवाल, अजय कुम्भकार, संध्या पाण्डे, राजेन्द्र सराठे, रोजर लोबो, और माधवी शर्मा ने अपनी सफलता के बारे में बताया।