इसी बीच, मंगलवार को दिन में सूचना आई कि तकनीकी कारणों से विद्या स्टोक्स का नामांकन पत्र रद्द हो सकता है। रिटर्निंग अधिकारी के पास तमाम दस्तावेजों को जांचने और फैसला लेने के लिए शाम पांच बजे तक का समय था। तमाम दस्तावेजों और नामांकन की तकनीकी पेचीदगियों को जांचने के बाद निर्वाचन अधिकारी और ठियोग के एसडीएम टंशी संडुप ने विद्या स्टोक्स के नामांकन को रद्द करने का फैसला सुनाया।
कांग्रेस की नेता ने अपनी ये सीट वीरभद्र सिंह के लिए छोड़ी थी।
बीस अक्टूबर को वीरभद्र सिंह ठियोग से नामांकन करने के लिए तैयार थे। इसी बीच, हाईकमान ने वीरभद्र को ठियोग से अर्की भेज दिया। विद्या स्टोक्स ठियोग से विजयपाल सिंह खाची को उम्मीदवार बनाना चाहती थी। इसी दौरान युवा नेता दीपक राठौर पिक्चर में आए और हाईकमान ने उनके नाम का ऐलान कर दिया। विद्या इससे नाराज हो गई। ऐन मौके पर हाईकमान ने फिर से विद्या को उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया।
नाम वापिस लेने की तिथि 26 अक्टूबर है और यदि राठौर को मैदान से हटना था तो उन्हें आज ही हटना पडऩा था। राठौर के न हटने पर निर्वाचन अधिकारी को आज यानी मंगलवार को ही स्क्रूटनी कर फैसला लेना था। इस तरह कांग्रेस की अंदरुनी ड्रामेबाजी के कारण नब्बे साल की राजनेता को फजीहत झेलनी पड़ी।