किसानों को 85 प्रतिशत मंडियों में मिल रहा 50 हजार कैश भुगतान
भावांतर भुगतान योजना में प्रदेश की करीब 85 प्रतिशत मंडियों में किसानों को कृषि उपज बेचने पर 50 हजार रुपये का नगद भुगतान सुनिश्चित हो गया है। किसानों को कृषि उपज के विक्रय मूल्य की 50 हजार राशि नगद मिल रही है। शेष राशि आरटीजीएस द्वारा किसानों के खातों में पहुँच रही है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत किसानों के हित में जारी आदेशों का प्रदेश की सभी कृषि उपज मंडियों में शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित हो गया है।
भावांतर भुगतान योजना में ए-श्रेणी के 23 कृषि उपज मंडियों में 23 से 26 अक्टूबर तक कार्य दिवसों में पंजीकृत किसानों को उनकी कृषि उपज की बिक्री के एवज में 127.36 करोड़ रुपये की राशि का नगद भुगतान किया गया है। किसानों की शेष विक्रय राशि 251 करोड़ रुपये आरटीजीएस के माध्यम से उनके खातों में ट्रांसफर कर दी गई है।
इंदौर संभाग की मंडियों में 50 हजार कैश भुगतान शुरू
इंदौर संभाग में संभागायुक्त श्री संजय दुबे के प्रयासों से कृषि उपज मंडियों में किसानों को उनकी उपज के कुल विक्रय मूल्य में से 50 हजार रुपये नगद भुगतान की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित हो गई है। संभागायुक्त ने संभाग की 27 मंडियों में किसानों को 10 हजार रुपये कैश भुगतान की शिकायतों पर सख्त कार्यवाही करते हुए वहाँ 50 हजार रुपये नगद भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली है। इंदौर और धार की कृषि उपज मंडियों में टोकन के माध्यम से किसानों को 50 हजार रुपये कैश नगद भुगतान की व्यवस्था की गई है।
किसानों ने बेचा 2.24 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन
भावांतर भुगतान योजना में 16 अक्टूबर से अब तक 54 हजार 231 पंजीकृत किसानों ने 2 लाख 24 हजार मीट्रिक टन सोयाबीन की बिक्री की है। प्रदेश में सोयाबीन की औसत विक्रय दर 2500 रुपये प्रति क्विंटल है। यह दर राजस्थान और महाराष्ट्र की मंडी में आज प्रचलित औसत आदर्श दर के बराबर है, जो भारत शासन के एगमार्क नेट पोर्टल पर अंकित है।