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ऐश्वर्या राय बच्चन

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ऐश्वर्या राय बच्चन हिन्दी फ़िल्म जगत् की उन चुनिंदा अभिनेत्रियों में से एक हैं जिन्होंने बॉलीवुड को अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी विशेष पहचान दिलायी। 1994 में मिस इंडिया प्रतियोगिता की उपविजेता रहने के बाद उसी साल उन्होंने विश्व सुन्दरी प्रतियोगिता जीती थी। ऐश्वर्या राय ने हिन्दी के अलावा तेलुगू, तमिल, बंगाली और अंग्रेज़ी फ़िल्मों में भी काम किया है।

जीवन परिचय: ऐश्वर्या राय का जन्म 1 नवंबर 1973 को कर्नाटक के मंगलोर में हुआ था। ऐश्वर्या राय की प्रारंभिक शिक्षा हैदराबाद, आंध्र प्रदेश में हुई। कुछ वर्ष के बाद उनका परिवार मुंबई आ गया। बचपन में वह वास्तुकार बनना चाहती थी, लेकिन बाद में उनका रुझान मॉडलिंग इंडस्ट्री की ओर हो गया। ऐश्वर्या में अपनी पढाई संता क्रूज़ में आर्य विद्या मंदिर से की और कॉलेज की पढाई जय हिंद कॉलेज और रुपारेल कॉलेज से की। स्कूल के दिनों से ही उन्होंने शास्त्रीय नृत्य सीखना शुरू कर दिया था। मॉडलिंग का पहला प्रस्ताव उन्हें कैमलिन कंपनी की ओर से तब मिला जब वो नवीं कक्षा की छात्रा थीं। इसके बाद वो कोक, फूजी और पेप्सी के विज्ञापन में दिखीं। मॉडलिंग के साथ-साथ उन्होंने पढ़ाई भी जारी रखी।

परिवार: ऐश्वर्या के पिता का नाम कृष्णराज राय जो पेशे से मरीन इंजीनियर है और माता का नाम वृंदा राय है जो एक लेखक हैं और उनका एक भाई है आदित्य जो मर्चंट नेवी में एक इंजीनियर है। 13-14 की उम्र तक उन्हें समझ में ही नहीं आता था कि लोग उन्हें क्यों घूर रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी सुंदरता का गुमान नहीं था। स्कूल में वार्षिकोत्सव के दौरान टीचर उन्हें परी की भूमिका ही निभाने को कहती थी। पढ़ाई में वे हमेशा अव्वल रही और उनकी ख्वाहिश डॉक्टर बनने की थी, लेकिन स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर में दाखिला उन्हें पहले मिल गया। बचपन से अपनी माँ के साथ समुद्र तट पर घूमना और मंदिर जाना ऐश की दिनचर्या में शामिल रहा है।

विश्व सुंदरी: वर्ष 1994 में ऐश्वर्या राय ने मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया जहाँ उन्हें सुष्मिता सेन के बाद दूसरा स्थान जीता और मिस इंडिया वर्ल्ड के खिताब से नवाजा गया। उस साल जहाँ सुष्मिता सेन में मिस यूनिवर्स का ख़िताब जीता वहीं ऐश्वर्या ने मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भारतीय सुंदरता का परचम पूरी दुनिया में लहराते हुये रीता फ़ारिया के बाद मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने वाली दूसरी भारतीय सुंदरी बनी। उन्होंने एक साल मिस वर्ल्ड बनकर लन्दन में बिताया और फिर भारत आकर बॉलीवुड में क़दम रखा। ऐश्वर्या की ख़ूबसूरती के कारण उनमें अपार संभावनाएँ उनके अँग्रेज़ी के प्रोफेसर ने देख ली, जो शौकिया फोटोग्राफर भी थे। उन्होंने ऐश के फोटो खींचकर मिस इंडिया प्रतियोगिता के आयोजकों को भेजी। ऐश की ख़ूबसूरती को देख सभी दंग रह गए। रैम्प पर कैटवॉक करती ऐश का फैशन जगत् दीवाना हो गया और वे तेजी से सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ गईं। मिस वर्ल्ड बनने के बाद फ़िल्म वालों का ध्यान उनकी ओर गया और ऐश को आसानी से फ़िल्में मिल गईं। एक अभिनेत्री के रूप में सुंदरता ही उनकी बाधा बन गई क्योंकि दर्शक उन्हें सिर्फ निहारना चाहते थे। लिहाज़ा ‍उन्हें ग्लैमर डॉल के रूप में ही पेश किया जाता रहा। हालाँकि ऐश्वर्या ने कुछ ऐसी फ़िल्मों को करने की कोशिश की जो उनके अभिनय के लिए याद की जाए। ताल, देवदास, हम दिल दे चुके सनम, रेनकोट, जोधा अकबर, धूम 2, चोखेर बाली उनकी कुछ यादगार फ़िल्मों में से हैं।

विवाह: ऐश्वर्या राय का विवाह बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के बेटे और हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता अभिषेक बच्चन के साथ 20 अप्रैल, 2007 को हुआ और उनकी जोड़ी “अभी-ऐश” के नाम से जानी जाती है। 16 नवंबर को वह एक पुत्री आराध्या की माँ बनीं, जिसका जन्म मुंबई के सेवन हिल्स अस्पताल में हुआ। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन इनके दादा व जया बच्चन इनकी दादी हैं।

पहली फ़िल्म तमिल में: वर्ष 1997 में ऐश्वर्या राय ने अपने सिने कैरियर की शुरुआत तमिल फ़िल्म “इरुवर” से की। जिसे मणिरत्नम ने निर्देशित किया। इस विवादस्पद फ़िल्म में उन्हें दक्षिण भारत के जाने माने अभिनेता मोहन लाल के साथ काम करने का मौक़ा मिला। विवाद के कारण इसे व्यावसायिक सफलता तो नहीं मिली लेकिन ऐश्वर्या राय ने अपने दमदार अभिनय से समीक्षकों का दिल जीत लिया और वे सर्वश्रेष्ठ नावोदित अभिनेत्री ख़िताब जीतने में जरुर सफल रही। फ़िल्म इरुवर को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। वर्ष 1997 में ही ऐश्वर्या राय ने बॉलीवुड में भी क़दम रखा और बॉबी देओल के साथ “और प्यार हो गया” में काम किया। दुर्भाग्य से यह फ़िल्म टिकट खिड़की पर विफल साबित हुई। इसके बाद 1998 में ऐश्वर्या राय ने एस.शंकर की तमिल फ़िल्म “जीन्स” में काम किया। इस फ़िल्म की व्यावसायिक सफलता के बाद ऐश्वर्या राय फ़िल्म इंडस्ट्री में कुछ हद तक अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गयी।

‘हम दिल दे चुके सनम’ ने सिने कैरियर उठाया
वर्ष 1999 में संजय लीला भंसाली की फ़िल्म “हम दिल दे चुके सनम” ऐश्वर्या राय के सिने कैरियर की महत्त्वपूर्ण फ़िल्म साबित हुई। सलमान खान और अजय देवगन जैसे मंझे हुये सितारे की मौजूदगी में भी ऐश्वर्या ने फ़िल्म में नंदिनी के किरदार को रूपहले पर्दे पर जीवंत कर दिया। इस फ़िल्म में दमदार अभिनय के लिये फ़िल्म फेयर पुरस्कार से भी मिला।

वर्ष 2000 अहम साबित हुआ: वर्ष 1999 में ही ऐश्वर्या राय को प्रसिद्ध निर्माता निर्देशक सुभाष घई की फ़िल्म “ताल” में काम करने का अवसर मिला। इस फ़िल्म में ऐश्वर्या ने एक ऐसी ग्रामीण लड़की मानसी का किरदार निभाया जो पॉप सिंगर बनने का सपना देखा करती है। फ़िल्म ने भारत में व्यावसायिक सफलता दर्ज की, साथ ही उसने ओवरसीज ख़ासकर अमेरिका में टॉप 20 फ़िल्मों में अपना नाम दर्ज कराया। इस फ़िल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फ़िल्म फेयर पुरस्कार के लिये भी नामांकित की गयी। वर्ष 2000 ऐश्वर्या राय के सिने कैरियर के लिये अहम वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उनकी फ़िल्म “जोश” प्रदर्शित हुई जिसमें उन्होंने शाहरुख खान की बहन की भूमिका निभायी। इसके साथ ही ऐश्वर्या राय की “हमारा दिल आपके पास है” और “मोहब्बते” जैसी कामयाब फ़िल्में भी प्रदर्शित हुई जिन्होंने टिकट खिड़की पर शानदार सफलता हासिल की। “मोहब्बतें” फ़िल्म से उन्होंने फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सह-कलाकार का ख़िताब भी जीता।

वर्ष 2002 में ऐश्वर्या राय को शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के मशहूर उपन्यास “देवदास” पर बनी फ़िल्म में काम करने का अवसर मिला। संजय लीला भंसाली की इसी नाम से बनी फ़िल्म में पारो के अपने किरदार से उन्होंने दर्शको का दिल जीत लिया। इस फ़िल्म के लिये दूसरी बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फ़िल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयी। इस फ़िल्म को कांस फ़िल्म समारोह में विशेष स्क्रीनिंग के दौरान दिखाया गया। इसके अलावा उन्होंने कुछ बांग्ला फ़िल्में की हैं। वर्ष 2003 में ऐश्वर्या राय को रवीन्द्र नाथ टैगोर के मशहूर उपन्यास ‘चोखेरबाली’ पर आधारित फ़िल्म चोखेरबाली में काम करने का अवसर मिला। रितुपर्णा घोष निर्देशित इस फ़िल्म में अपने सशक्त अभिनय से दर्शको का दिल जीत लिया। उसी वर्ष ऐश्वर्या राय ने फ़िल्म निर्माण के क्षेत्र में भी क़दम रख दिया और फ़िल्म “दिल का रिश्ता” का निर्माण किया लेकिन यह फ़िल्म व्यावसायिक रूप से सफल नहीं रही। उनकी अगली अभिषेक बच्चन के साथ “कुछ न कहो” बुरी तरह पिटी पर अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या के बीच एक नए रिश्ते की शुरुआत हुई तो आगे चलकर उनकी शादी में तब्दील हुई। “खाकी” में अमिताभ बच्चन के विपरीत उन्होंने पहली बार नकारात्मक भूमिका अदा की और दर्शकों को एक बड़ा झटका दिया। वर्ष 2005 में ऐश्वर्या राय को यश चोपड़ा के बैनर तले बनी फ़िल्म “बंटी और बबली” में अतिथि कलाकार के रूप में काम करने का अवसर मिला। अभिषेक बच्चन और रानी मुखर्जी की मुख्य भूमिका वाली इस फ़िल्म में ऐश्वर्या राय के महज एक आईटम गीत “कजरारे कजरारे तेरे कारे कारे नैना” में नजर आई इसके बावजूद उनका जादू दर्शको के सर चढ़कर बोलता रहा।

उमराव जान में ऐतिहासिक किरदार
वर्ष 2006 में ऐश्वर्या राय ने जे. पी. दत्ता की महत्वाकांक्षी फ़िल्म “उमराव जान” में उमराव जान के ऐतिहासिक किरदार को रूपहले पर्दे पर साकार किया। उर्दू लेखक मिर्जा हादी रूसवा के बहुचर्चित उपन्यास “उमराव जान अदा” की कहानी पर आधारित यह फ़िल्म टिकट खिड़की पर विफल साबित हुई, लेकिन ऐश्वर्या राय अपने किरदार से समीक्षको के साथ साथ दर्शको का भी दिल जीतने में सफल रही।

धूम 2, गुरु और जोधा अकबर
2006 की फ़िल्म धूम 2 में उन्होंने यशराज फ़िल्मों में वापसी की और उनका हृतिक रोशन के साथ चुंबन दृश्य सुर्ख़ियों में रहा। इस फ़िल्म में उन्होंने ने एक बार फिर से नकारात्मक किरदार निभाया और दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया। वर्ष 2007 में ऐश्वर्या राय को प्रसिद्ध निर्माता निर्देशक मणिरत्नम की फ़िल्म “गुरु” में काम करने का अवसर मिला और यहाँ भी ऐश्वर्या राय ने अपने सशक्त अभिनय से फ़िल्म को सुपरहिट बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2008 में हृतिक रोशन के साथ आशुतोष गोवारिकर की फ़िल्म “जोधा अकबर” उस साल की सबसे सफल फ़िल्मों में रही और दोनों की जोड़ी दर्शकों को बेहद पसंद आने लगी। जिसमें ऐश्वर्या राय ने जोधा का ऐतिहासिक किरदार को निभाया।

हॉलीवुड में: ऐश्वर्या राय का कैरियर हमेशा उतार चढ़ाव से भरा रहा है। हिन्दी सिनेमा जगत् के अलावा उन्होंने कई अंग्रेज़ी फ़िल्मों में भी काम किया है, जिसमें पिंक पैंथर 2, द लास्ट लेजन, प्रोवोक्ड, ब्राइड एंड प्रिजुडिस मुख्य हैं। फ़िल्मों के अलावा अगर आज ऐश्वर्या राय की लोकप्रियता में बढ़ोत्तरी हुई है तो उसका मुख्य कारण उनके द्वारा किए गए विज्ञापन हैं। ऐश्वर्या कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की ब्रांड आम्बेसडर हैं।

लोकप्रियता: दुनिया भर में उनके चाहने वालों ने ऐश्वर्या को समर्पित लगभग 17,000 इंटरनेट साइट बना रखे हैं और उनकी गिनती दुनिया के सबसे ख़ूबसूरत महिलाओं में की जाती है। मशहूर पत्रिका टाइम ने भी 2004 और 2010 में विश्व के 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में ऐश्वर्या को शामिल किया था। बच्चन परिवार की बहू होने के साथ अंतरराष्ट्रीय सिनेमा में एक अलग पहचान बना चुकी ऐश आज न सिर्फ कई बड़ी कंपनियों की ब्रांड अम्बेसडर हैं बल्कि उभरते हुए भारत में नारी सशक्तिकरण की पहचान भी हैं।

मैडम तुसाद संग्रहालय में: वर्ष 2004 ऐश्वर्या राय के सिने कैरियर का उपलब्धियों वाला वर्ष साबित हुआ। उस वर्ष उनके ऐश्वर्य को देखते हुये लंदन के सुप्रसिद्ध मैडम तुसाद संग्रहालय में उनका मोम का पुतला लगाया गया। यह दूसरा मौक़ा था जब किसी बॉलीवुड कलाकार की मोम की प्रतिमा मैडम तुसाद संग्रहालय में लगायी गयी। इससे पहले सुपरस्टार अमिताभ बच्चन का मोम का पुतला इसी संग्रहालय में लगाया गया था। उसी साल अमेरिका की सुप्रसिद्ध पत्रिका टाइम मैगजीन ने विश्व की 100 प्रभावशाली हस्तियों में ऐश्वर्या राय का नाम शामिल किया।

सम्मान और पुरस्कार: वर्ष 2009 में फ़िल्म क्षेत्र में ऐश्वर्या राय के उल्लेखनीय योगदान को देखते हुये भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। उसी साल उन्होंने “आर्डर ऑफ़ फ्रांस” का ख़िताब भी मिला पर उन्होंने लेने से इनकार कर दिया क्योंकि उनके पिता गंभीर रूप से बीमार थे और वे चाहती थीं कि उनका पूरा परिवार उस समारोह में हो। जून 2009 में उन्हें आइफा और दशक की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का ख़िताब मिला। बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन के साथ शादी के बाद अपने पारिवारिक दायित्व को देखते हुये उन्होंने फ़िल्मों में काम करना काफ़ी कम कर दिया।

1999 में ऐश्वर्या ने विश्व भ्रमण में बॉलीवुड के प्रचार में हिस्सा लिया था। उनके साथ आमिर खान, रानी मुख़र्जी, अक्षय खन्ना और ट्विंकल खन्ना थे। 2003 में ऐश कान्स फ़िल्म फेस्टिवल में जूरी बनने वाली पहली भारतीय अभिनेत्री बनी। उन्होंने और भी कई सरकारी समाज सेवी कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया हुआ है।

1999- फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: हम दिल दे चुके सनम
2000- आइफा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: हम दिल दे चुके सनम
2002- फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: देवदास
2003- आइफा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: देवदास
2009- आइफा दशक की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री
2009- पद्म श्री

रोचक तथ्य: ख़ूबसूरत ऐश्वर्या रॉय बच्चन को अपने शरीर में एक कमी नजर आती है। उन्हें अपने दाँत पसंद नहीं हैं। उनके मुताबिक वे जरुरत से ज़्यादा बड़े हैं, लेकिन हँसते समय वे उन्हें छिपाती नहीं हैं।
हॉलीवुड की हॉट हीरोइन ‘जूलिया राबर्ट्‍स’ ने ऐश्वर्या को संसार की सबसे सुन्दर महिला माना है।
ऐश्वर्या का नाम जब मिस वर्ल्ड के लिए घोषित हुआ, तो उन्होंने मासूमियत से अपनी हथेलियों के बीच चेहरा छिपा लिया। ऐश की आँखों में खुशी के आँसू थे।
मिस वर्ल्ड बनने के बाद ऐश भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल शर्मा से मिलने राष्ट्रपति भवन गईं। उन्होंने डॉ. शर्मा और श्रीमती विमला शर्मा के पैर छूकर प्रणाम किया। ऐश के अनुसार- ‘ऐसा महसूस हुआ, जैसे अपने दादा-दादी के पैर छू रही हूँ।’
ऐश्वर्या ने अपनी विश्व की सबसे सेक्सी आँखों को मरणोपरांत दान करने की घोषणा की है। वे नेत्रदान का अभियान भी संचालित करती हैं।
ऐश को मॉडल बनाने का श्रेय उनके अंग्रेज़ी के प्रोफेसर को है, जो पढ़ाने के साथ-साथ ऐश के फ़ोटो उतारने में भी दिलचस्पी रखते थे।
नब्बे के दशक में एक शीतल पेय के विज्ञापन में छरहरी-सी मासूम लड़की आमिर खान के साथ क्या दिखाई दी, चारों तरफ शोर मच गया।
मॉडलिंग के कैरियर के दौरान मुम्बई का फ़ैशन-वर्ल्ड ऐश को रैम्प पर केटवॉक करते देख उन पर लट्टू हो गया और सभी ऐश के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानने के लिए उत्सुक हो गए।
राजेश खन्ना अभिनीत ‘आनंद’ ऐश को बेहद पसंद है। गुरुदत्त, राजकपूर और ऋषिकेश मुखर्जी ऐश के पसंदीदा फ़िल्मकार हैं।
ख़ूबसूरत ऐश मधुबाला, नर्गिस और माधुरी दीक्षित की सुंदरता पर फिदा हैं। अभिषेक बच्चन से भले ही उन्होंने शादी की हो, लेकिन हॉलीवुड अभिनेता टॉम क्रूज उनके सपनों के राजकुमार हैं।
ऐश को सादा खाना पसंद है- दाल, चावल और सब्जियाँ।
मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के दौरान नेल्सन मंडेला ने ऐश्वर्या से उसके जैसा सुंदर दक्षिणी अफ्रीकी दूल्हा ढूँढने का वादा किया था।

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