शाहरुख़ ख़ान बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता होने के साथ साथ फ़िल्म निर्माता और टेलीविजन पर्सनालिटी भी हैं। उन्हें लोग प्यार से ‘बॉलीवुड का बादशाह’, ‘किंग ऑफ बॉलीवुड’, ‘किंग खान’ भी कहते हैं। वे लगभग सभी शैलियों की फिल्मों (रोमांस, ड्रामा, कॉमेडी, एक्शन) में काम कर चुके हैं। लंदन के मैडम तुसाद संग्रहालय में उनकी मोम की मूर्ति भी स्थापित है। शाहरुख़ ख़ान और दिलीप कुमार ही ऐसे दो अभिनेता हैं जिन्होंने फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार आठ बार जीता है। 2005 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय सिनेमा के प्रति उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया।
शाहरुख़ ख़ान का जन्म 2 नवंबर, 1965 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता का नाम मीर ताज मोहम्मद खान है। उनके पिता पेशावर, पाकिस्तान से थे। उनकी माँ का नाम लतीफ फातिमा है। उनकी एक बड़ी बहन भी हैं जिनका नाम शहनाज लालारुख है और वे भी शाहरुख के साथ मुंबई में ही रहती हैं। शाहरुख़ ने एक बार ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया था कि उनके पिता पठानी और माँ हैदराबादी हैं।
शाहरुख़ ख़ान की शुरूआती शिक्षा सेंट कोलम्बस स्कूल, दिल्ली से हुई थी। उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के लिए हंसराज कॉलेज में प्रवेश लिया लेकिन उनका ज्यादातर समय दिल्ली थियेटर एक्शन ग्रुप में बीतता था जहां से उन्होंने थियेटर निर्देशक बैरी जॉन के सानिध्य में अभिनय के गुर सीखे। इसके बाद उन्होंने जामिया मीलिया इस्लामिया से जनसंचार में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू तो की लेकिन अपने अभिनय करियर को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने यह छोड़ दिया।
शाहरुख़ एक ऐसे अभिनेता रहे हैं जिनके प्रशंसक हर उम्र और हर वर्ग के लोग हैं। खासकर, लड़कियां उनकी काफ़ी दीवानी हैं लेकिन बावजूद इसके शाहरुख़ का किसी के साथ अफेयर या प्रेम संबंध नहीं रहा है। वे अपनी पत्नी के लिए हमेशा से वफादार रहे हैं और अपने परिवार से बेहद प्यार करते हैं। शाहरुख़ ने गौरी से शादी की है जो हिन्दू-पंजाबी परिवार से आती हैं। उनके 3 बच्चे हैं- आर्यन, सुहाना और अबराम। फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें सबसे अच्छा पिता भी माना जाता है क्योंकि वे अपने बच्चों से बेहद प्यार करते हैं और उनके साथ अच्छा समय भी व्यतीत करते हैं।
शाहरुख़ के करियर की शुरुआत टेलीविजन से हुई थी। दिल दरिया, फौजी, सर्कस जैसे सीरियल्स से उन्होंने अपनी पहचान बनाई। उनके फिल्मी करियर की शुरूआत फिल्म ‘दीवाना’ से हुई थी जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला था। उस समय यह फिल्म सुपरहिट हुई और इसी फिल्म ने शाहरुख़ को हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित किया। इसके बाद शाहरुख़ ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वे लगातार सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ते गए। धीरे धीरे वे आलोचकों के साथ साथ जनता की पसंद बन गए और लड़कियों के बीच तो काफ़ी प्रसिद्ध हो गए।
प्रसिद्ध फिल्में: दीवाना, बाज़ीगर, डर, अंजाम, कभी हां कभी ना, करन अर्जुन, दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे, चाहत, यस बॉस, परदेस, दिल तो पागल है, कुछ कुछ होता है, मोहब्बतें, कभी खुशी कभी ग़म, देवदास, कल हो न हो, मैं हूं ना, वीर जारा, डॉन, चक दे इंडिया, ओम शांति ओम, रब ने बना दी जोड़ी, माई नेम इज़ ख़ान, डॉन 2, जब तक है जान और चेन्नई एक्सप्रेस जैसी प्रसिद्ध फिल्मों से शाहरुख़ ने अपनी अभिनय का लोहा मनवाया।
डीडीएलजे की लोकप्रियता: शाहरुख़ और काजोल की 1995 में बनी फ़िल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे’ दर्शकों बहुत पसंद आयी। ये उस समय की बेहद रोमांटिक फ़िल्म मानी जाती है, जो डीडीएलजे के नाम से भी प्रसिद्ध है। इसका पहला प्रदर्शन 19 अक्टूबर, 1995 को हुआ और 20 अक्टूबर 1995 को यह पूरे भारत में देखी गई। इस फ़िल्म का निर्देशन प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता और निर्देशक यश चोपड़ा के पुत्र आदित्य चोपड़ा ने किया। इसमें प्रमुख कलाकार शाहरुख़ ख़ान, काजोल और अमरीश पुरी थे। इस फ़िल्म के नाम सबसे ज्यादा चलने का रिकॉर्ड है। यह मुंबई के मराठा मंदिर में तेरह सालों से भी ज्यादा समय तक चली थी। मार्च 2009 में इसने मुंबई के मराठा मंदिर में 700 सप्ताहों तक चलने का रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले यह रिकॉर्ड शोले के नाम था जो करीब साढ़े पांच सालों तक एक ही सिनेमाघर में चली। इस फ़िल्म ने भारत में 58 करोड़ रुपये, जबकि विदेशों में 17.5 करोड़ रुपये की कमाई की। इस फ़िल्म से शाहरुख़ ख़ान और काजोल की जोड़ी काफ़ी मशहूर हो गई। इसके बाद इस जोड़ी को काफ़ी फ़िल्मों में देखा गया।
रोचक बातें: लॉस एंजिलेस टाइम्स ने उन्हें दुनिया का सबसे बड़ा मूवी स्टार बताया है। उनके प्रशंसकों की संख्या भारत के साथ साथ विदेशों में भी बहुत ज्यादा है।
शाहरूख ख़ान उनके फिल्मी करियर के दौरान तो कई पुरस्कार मिले ही, इसके अलावा भी कई पुरस्कार मिले। वे फिल्मफेयर पुरस्कारों में 30 बार नामांकित हो चुके हैं जिनमें से 14 बार यह पुरस्कार हासिल किया है और इसमें भी 8 बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के तौर पर यह पुरस्कार हासिल किया है। वह दिलीप कुमार के साथ इस श्रेणी में सबसे अधिक 8 पुरस्कार पाने वाले अभिनेता हैं।
फ्रांस सरकार ने उन्हें ‘ओरड्रे डेस आर्ट्स एट डेस लेट्रेस’ और उनके सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘लीजन डी ऑनर’ नामक पुरस्कार से भी नवाजा है।
शाहरुख़ के घर में हिन्दू-मुस्लिम दोनों धर्मों को बराबर से सम्मान दिया जाता है। उनके बच्चे दोनों धर्मों का पालन करते हैं।
शाहरुख़ के द्वारा दोनों हाथों को फैला के किए जाने वाला स्टेप आज एक ‘सिग्नेचर स्टेप’ बन चुका है।
शाहरूख ख़ान अपनी फिल्मों के लेकर बहुत मेहनत करते हैं। वे पूरे दिन में मात्र 3 से 4 घंटे की ही नींद लेते हैं और यही कारण है कि इतने लंबे समय से वे शीर्ष पर हैं।
भारत के प्रभावशाली अभिनेताओं में से एक हैं जो कि फोर्ब्स इंडिया की 100 सेलिब्रिटीज की लिस्ट में 2012 और 2013 में शीर्ष स्थान पर रहे हैं।
2007 में ईस्टर्न आई नाम की मैगजीन द्वारा कराए गए पोल में उन्हें एशिया का सबसे ‘सेक्सियस्ट मैन’ करार दिया गया।
सम्मान और पुरस्कार
2011 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – माई नेम इज़ ख़ान
2007 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – चक दे! इंडिया
2005 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – स्वदेश
2003 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – देवदास
1999 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – कुछ कुछ होता है
1998 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – दिल तो पागल है
1996 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे
1994 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार – बाज़ीगर
भारत सरकार द्वारा सन् 2005 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित हैं।