साल में कुछ ही मौकों पर पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग आता है। ज्योतिष में शुभ संयोगों में पुष्य नक्षत्र का बहुत ही महत्व है। यह नक्षत्र आज गुरुवार को है इसलिए इसका नाम गुरु पुष्य योग दिया गया है। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि इस महाशुभ संयोग में कोई कार्य शुरू किया जाए तो उसमें सफलता प्राप्त करना निश्चित होता है। इस समय पर सही अनुष्ठान करने पर इंसान की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इस बार पुष्य योग 9 नवंबर यानी आज गुरुवार को बन रहा है। गुरुवार को पुष्य योग होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। आज दिन बन रहा पुष्य योग अत्यंत की प्रभावशाली माना गया है। गुरु-पुष्य योग 9 नवंबर को दोपहर 1:39 से लेकर 10 नवंबर को सूर्योदय तक रहेगा।
गुरु पुष्य नक्षत्र महत्व
ज्योतिषी के अनुसार गुरु-पुष्य नक्षत्र बहुत कम बनता है। जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार के दिन इस राशि में प्रवेश करता है तब इस योग का निर्माण होता है। यह योग एक साधक के लिए बेहद शुभ माना जाता है। अन्य लोग भी इस योग के लाभ पा सकते हैं।
1- इस गुरु-पुष्य महायोग में योग में शनि की महादशा रहेगी।
2-कुंभ लग्न का उदय होगा और चंद्रमा कर्क राशि पर राहु के साथ रहेंगे।
3- इसके अलावा सूर्य और बृहस्पति भी उच्च स्थान पर होंगे। इस कारण राजयोग का निर्माण होगा।
4- जिन जातकों की शनि की दशा चल रही है उन्हें अच्छा प्रभाव मिलेगा। इस योग में तंत्र विद्या से संबंधित शक्तियां भी जागृत की जाती है
बृहस्पति देव की आराधना
इस गुरु-पुष्य नक्षत्र में बृहस्पति देव की पूजा अर्चना के साथ ही महालक्ष्मी की पूजा को भी लाभकारी माना गया है। ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी की इस महायोग पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही इस नक्षत्र में किसी भी प्रकार की पूजा का फल अत्यंत शुभ होता है। इस दिन लोग वृहस्पति भगवान का व्रत भी रखते हैं।