भोपाल गैंगरेप केस में पुलिस के बाद अब सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टरों का गैरजिम्मेदाराना रवैया भी सामने आ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विक्टिम का मेडिकल कराया गया। इसकी रिपोर्ट में कहा गया कि ये रेप नहीं था। विक्टिम ने सहमति से संबंध बनाए थे। जैसे ही यह रिपोर्ट मीडिया में लीक हुई। हंगामा हो गया। पहली रिपोर्ट को गायब कर दिया गया। विक्टिम की फिर जांच हुई और नई रिपोर्ट तैयार की गई। बता दें कि 31 अक्टूबर की शाम कोचिंग से लौटते वक्त स्टूडेंट से 4 लोगों ने रेप किया था। 24 घंटे बाद केस दर्ज हुआ। आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पांच पुलिस अफसरों को सस्पेंड किया गया था। लापरवाही करने वाले डॉक्टर्स से कमिश्नर ने जवाब मांगा है।
न्यूज एजेंसी से बातचीत में सुल्तानिया लेडी हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर करन पीपरे ने मेडिकल रिपोर्ट में गलती की बात मानी। पीपरे ने कहा कि एक नए डॉक्टर की वजह से यह गलती हुई थी। सुधार के बाद रिपोर्ट फिर जारी की गई।पब्लिक हैल्थ और फैमिली वेलफेयर कमिश्नर सेक्रेटरी अजातशत्रु श्रीवास्तव ने इस बारे में संबंधित डॉक्टर्स को नोटिस जारी कर पूछा है कि इतने गंभीर मामले में इस तरह की लापरवाही कैसे हुई।
क्या है भोपाल गैंगरेप केस ?
– आरोपियों ने विक्टिम का मोबाइल फोन और कुछ जूलरी भी लूटी। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों को लगा कि लड़की की मौत हो गई है तो वो उसे छोड़कर भाग गए। होश आने पर विक्टिम आरपीएफ थाने पहुंची। वहां से उसने पिता को घटना के बारे में जानकारी दी। उसके पिता आरपीएफ में एएसआई हैं।
– पुलिस कार्रवाई में लापरवाही बरतने पर तीन थानों के प्रभारी, दो सब इंस्पेक्टर सस्पेंड हो चुके हैं। भोपाल के एक सीएसपी, जीआरपी एसपी और भोपाल आईजी को हटाया गया है।