मण्डियों के भाव की सूचना किसानों को एस.एम.एस. से मिलेगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समीक्षा की
भावांतर भुगतान योजना में प्रदेश के सवा लाख किसानों को 197 करोड़ रूपये की भावांतर राशि वितरित की जायेगी। इन किसानों द्वारा गत 16 से 31 अक्टूबर के बीच मंडियों में फसल विक्रय की गई है। योजना में पंजीकृत किसानों को मण्डियों के भाव की सूचना एस.एम.एस. से और रेडियो के माध्यम से दी जायेगी। यह जानकारी आज यहाँ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ली गई भावांतर भुगतान योजना की समीक्षा बैठक में दी गयी। बैठक में मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में भावांतर भुगतान योजना के तहत अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाये कि योजना के तहत कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हो। योजना की लगातार मॉनीटरिंग की जाये। योजना के तहत जिलों में भावांतर राशि का भुगतान कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति बनाकर कराया जाये। योजना की जानकारी किसानों तक पहुँचायें। किसानों को मण्डियों के भाव की जानकारी देने की व्यवस्था बनायें ताकि उन्हें अपनी उपज मण्डी में ले जाने से पहले भाव की जानकारी हो। इसके लिये किसानों को एस.एम.एस. और रेडियो के माध्यम से जानकारी दी जाये। उन्होंने कहा कि यह योजना किसानों के हित में एक बड़ा कदम है। इसके क्रियान्वयन से मध्यप्रदेश ने एक नया इतिहास रचा है।
बैठक में बताया गया कि मण्डियों में योजना के तहत व्यवस्थित रूप से कार्रवाई चल रही है। योजना के प्रारंभ होने के बाद से अन्य राज्यों के मॉडल मण्डी रेट की तुलना में भावांतर भुगतान योजना की औसत दरें सोयाबीन और तिल में पूरी तरह स्थिर और समान है। बैठक में प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि महाराष्ट्र के प्रमुख सचिव कृषि के अनुसार महाराष्ट्र सरकार इसी खरीफ से सोयाबीन के लिये मध्यप्रदेश की तरह भावांतर भुगतान योजना लागू करने जा रही है।
भावांतर योजना के तहत मण्डियों में अब तक दो लाख 15 हजार किसानों द्वारा 7 लाख 87 हजार मेट्रिक टन सोयाबीन, 63 हजार 590 किसानों द्वारा 59 हजार 790 मेट्रिक टन उड़द, 24 हजार 633 किसानों द्वारा 93 हजार 108 मेट्रिक टन मक्का का क्रय-विक्रय किया गया है। इस तरह योजना में अब तक कुल 3 लाख 3 हजार पंजीकृत किसानों ने लगभग 10 लाख मेट्रिक टन कृषि उत्पाद का आठ मण्डियों में क्रय-विक्रय किया है। योजना के तहत पंजीकृत किसानों के 90 प्रतिशत क्षेत्र का सत्यापन हो गया है। इस बार पिछले वर्ष की तुलना में मण्डियों में आवक 23 प्रतिशत बढ़ी है। भावांतर भुगतान योजना के तहत ज्वार-बाजरा की फसल के लिये किसानों के पंजीयन का कार्य चल रहा है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त श्री ए.पी. श्रीवास्तव, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री पी.सी. मीणा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णवाल और श्री एस.के. मिश्रा, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री के.सी. गुप्ता, प्रबंध संचालक मण्डी श्री फैज अहमद किदवई, आयुक्त जनसंपर्क श्री अनुपम राजन, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विवेक अग्रवाल भी उपस्थित थे।