हिमाचल में मतदान का सर्वाधिक प्रतिशत वर्ष 2003 के चुनाव में नजर आया था। उस दौरान प्रदेश में कुल 74.51 फीसदी वोटर्स ने अपने मत अधिकार का प्रयोग किया था। इस तरह मतदाताओं ने अब की बार न केवल 14 साल पहले के चुनाव से अधिक मतदान किया है, बल्कि नया रिकार्ड भी बनाया है। हिमाचल में इस बार ईवीएम के साथ वीवीपैट का प्रयोग किया गया। यही नहीं, देश में पहली दफा संपूर्ण चुनाव वीवीपैट के जरिए संपन्न हुआ।
रिकार्डतोड़ मतदान में साफ मौसम का भी योगदान रहा। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी कई जागरुकता संदेश निर्वाचन विभाग की तरफ से जारी किए गए थे। चुनाव में वोट डालने के लिए प्रदेश में बुजुर्गों में काफी उत्साह देखा गया। युवाओं, किशोर मतदाताओं व महिलाओं ने मतदान में जमकर हिस्सा लिया। देश के पहले वोटर सौ वर्षीय श्याम शरण नेगी ने भी कल्पा के चिन्नी बूथ में मतदान किया। उनके लिए खास तौर पर रेड कारपेट बिछाया गया था।
हिमाचल प्रदेश में चार दशक के वोटिंग परसेंट ट्रेंड को देखें तो वर्ष 1977 के चुनाव में ये काफी कम रहा था। उस दौरान मतदान के कम रहने का एक कारण प्रदेश के इलाकों का दुर्गम होना और सडक़ों की कमी भी रहा। बाद के समय में ग्रामीण इलाकों तक में सडक़ों का विस्तार हुआ है और वाहनों की उपलब्धता भी बढ़ी है।
यही कारण है कि साल-दर-साल मतदान का प्रतिशत भी बढ़ा। वर्ष 1977 के चुनाव में प्रदेश में 58.57 फीसदी मतदान हुआ था। उसके बाद वर्ष 1982 के चुनाव में ये बढक़र 71.06 फीसदी हो गया। अगले चुनाव में ये हल्का सा घटकर 70.36 फीसदी था। वर्ष 1990 के चुनाव में देश भर में बेशक रामलहर थी, लेकिन हिमाचल में मतदान का प्रतिशत 70 प्रतिशत से नीचे आ गया।
यही कारण है कि साल-दर-साल मतदान का प्रतिशत भी बढ़ा। वर्ष 1977 के चुनाव में प्रदेश में 58.57 फीसदी मतदान हुआ था। उसके बाद वर्ष 1982 के चुनाव में ये बढक़र 71.06 फीसदी हो गया। अगले चुनाव में ये हल्का सा घटकर 70.36 फीसदी था। वर्ष 1990 के चुनाव में देश भर में बेशक रामलहर थी, लेकिन हिमाचल में मतदान का प्रतिशत 70 प्रतिशत से नीचे आ गया।
वर्ष 1990 के चुनाव में हिमाचल में 67.74 फीसदी मतदान हुआ। बाद में 1992 के मध्यावधि चुनाव में प्रदेश में 71.72 फीसदी मतदान हुआ। वर्ष 1998 के चुनाव में भी कमोबेश यही आंकड़ा था, उस समय 71.23 फीसदी मतदान हुआ। वर्ष 2003 के चुनाव में 74.51 फीसदी, 2007 के चुनाव में 71.61 फीसदी व 2012 के चुनाव में मतदान का प्रतिशत 73.51 रहा। अब वर्ष 2017 के मतदान ने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं।