सभी मॉम्स अपने बच्चों को स्मार्ट और इंटेलिजेंट बनाने के लिए बहुत कुछ खिलाती हैं. उन्हें फ्यूचर के लिए तैयार करने के लिए उनकी डाइट का बहुत ध्यान रखती हैं. लेकिन क्या आपको मालूम है कि उन्हें एक साथ सभी फूड्स नहीं बल्कि कुछ स्पेशल फूड्स ही शार्प और स्मार्ट बना सकते हैं? जी हां, आज हम आपको ऐसे ही 5 फूड्स के बारे में बता रहे हैं. इन्हें अपने बच्चों की डाइट में शामिल कीजिए और करिए उन्हें फ्यूचर प्रिपेयर.
केला: लोगों के बीच ये मिथक है कि केले की तासीर ठंडी होती है, इसीलिए इसे बच्चों को कम खिलाना चाहिए. लेकिन आपको बता दें कि ऐसा कुछ भी नहीं है. कई रिसर्च में खुलासा हो चुका है कि केला कभी भी सर्दी-खांसी की वजह नहीं बनता है. इसीलिए इसे बच्चों की डाइट में हमेशा शामिल करें. इसमें मैग्निशियम, विटामिन C, विटामिन A, विटामिन B6, पोटैशियम, बाओटिन, फाइबर जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं. इसके अलावा केले लो फैट और ग्लूकोज़ से भरा होता है, जो इसे और भी रिच बनाता है. ये ब्रेन पावर और आइसाइट को स्ट्रॉंग बनाता है. अनेमिया दूर कर रेड सेल्स को बढ़ाता है. इंसटेंट एनर्जी देने के साथ-साथ डाइजेशन सिस्टम को भी मज़बूत बनाता है.
कब खिलाएं – 6 महीने से ऊपर के बच्चों की डाइट में रोज़ाना केला शामिल करें.
कब खिलाएं – 1 साल से ऊपर के बच्चों को रोज़ाना बादाम खिलाएं. अगर आपका बच्चा उन्हें साबुत बादाम नहीं खाता है तो उसे आप दूध में मिलाकर, शेक बनाकर आदि में मिक्स करके खिला सकते हैं. कई बच्चों को मेवे से एलर्जी होती है, इसीलिए अपने बच्चों को भी इसे खिलाने से पहले डॉक्टर से एक बार ज़रूर सलाह लें.
अंडा: दिमाग के विकास के लिए सबसे ज़रूरी फूड माना जाता है अंडा. प्रोटीन्स, विटामिन्स, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और कोलीन से भरपूर अंडा आपके बच्चों को शार्प और स्मार्ट बनाते हैं. इसे आप किसी भी फॉर्म जैसे उबालकर, ऑमलेट के तौर पर या एग भुर्जी बनाकर खिला सकते हैं. ये अपने आप में एक कम्प्लीट फूड है. इसका एक और फायदा ये भी है कि अंडा बच्चों की जॉ लाइन और आंखों को मज़बूत बनाता है. साथ ही ये बच्चों के वज़न बढ़ाने में भी काफी मददगार होता है.
कब खिलाएं – कई बच्चों को अंडे के सफेद हिस्से से एलर्जी होती है. अगर आपके बच्चे के साथ भी ऐसा ही है तो एक बार डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें. अगर एलर्जी नहीं है तो बच्चों को रोज़ाना 1 अंडा ज़रूर खिलाएं. बच्चों को कच्चा अंडा कभी भी ना खिलाएं.
घी: डीएचए (DHA) से भरपूर घी बच्चों के दिमागी विकास के लिए बहुत अच्छा होता है. साथ ही इसमें मौजूद फैट, एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टिरियल प्रोपर्टीज़ बच्चों की आइसाइट, इम्यूनिटी और डाइजेशन बेहतर बनाती है. विटामिन्स बच्चों की बोन्स को स्ट्रॉंग बनाते हैं. फैटी एसिड्स की वजह से ये जल्दी और आसानी से डाइजेस्ट भी हो जाता है. वहीं, आप बच्चों की खांसी को भी इससे ठीक कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें गुनगुने घी में चुटकीभर काली मिर्च मिलाकर खिलाएं.
कब खिलाएं – आपके बच्चे को रोज़ाना 30 से 35 प्रतिशत हेल्दी फैट्स की ज़रूरत होती है. जिसे आप घी से पूरा कर सकते हैं. अगर आप बच्चे को फीड कराती हैं तो घी न दें. लेकिन उससे बड़े बच्चों की डाइट में इसे शामिल करें. रोज़ाना 2 से 3 चम्मच से ज़्यादा घी बच्चे को न दें.
कब खिलाएं – रोज़ाना बच्चों की डाइट में बाकी फूड्स के साथ 2 से 3 चम्मच इसे खिलाएं.