इजिप्ट और सूडान की सीमा पर स्थित 2072 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल की लड़ाई में इंदौर भी शामिल हो गया है। मिस्त्र और सूडान के अलग होने के बाद खाली पड़े इस हिस्से को इंदौर के रहने वाले सुयश ने ‘किंगडम ऑफ दीक्षित’ नाम का देश घोषित किये जाने की मांग को लेकर सोमवार रात यूएन को ई-मेल किया है। हालांकि अभी तक उसका कोई जवाब सुयश के पास नहीं आया है। लेकिन सोशल मीडिया पर उस हिस्से को सुयश ने किंगडम ऑफ दीक्षित देश घोषित कर दिया है।
गूगल डेवलपर और सॉफ्टवेयर कंपनी के सीईओ सुयश दीक्षित पिछले दिनों एक कॉफ्रेंस में शामिल होने इजिप्ट गए थे। लेकिन यहां जाने से पहले ही वह बिर ताविल नामक उस हिस्से के बारे में सुन और पढ़ चुके थे। ऐसे में इजिप्ट जाने के बाद सुयश ने वहां जाने का मन बनाया और वो अपने ड्राइवर को लेकर बिर ताविल के लिए निकल पड़े। संकरे और उबड़-खाबड रास्तों को पार कर वहा पहुंचने के बाद सुयश ने पाया कि यह इलाका पूरा बंजर है। यहां जाते समय वह काफी घबराये हुए थे, क्योंकि यह हिस्सा आतंकवाद प्रभावित है।
लेकिन 5 नवंबर को इस स्थान पर पहुंचकर सुयश ने वहां अपने किंगडम का झंडा गाड़कर इसे ‘किंगडम ऑफ दीक्षित’ नामक देश घोषित कर अपने आपको वहां का राजा बना घोषित कर दिया। यहां न कोई इंसान रहता है और न ही यहां वनस्पति और जानवर है। लेकिन कुछ ही देर बाद सुयश को वहां 2 छिपकली दिखी, जिसके बाद उन्होंने छिपकली को ही राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया। यही नहीं वहां का राष्ट्रीय व्यंजन इंदौर के प्रसिद्ध पोहे को घोषित किया है।
सुयश ने अपने देश का झंडा भी तैयार कर लिया है। जिसे उन्होंने ब्राउन और लाल रंग दिया है। इसके पीछे का उनका तर्क है कि वहां रेत होने की वजह से भूरा रंग लिया है, जबकि सूर्यास्त के समय वहां का आसमान लाल रंग का हो जाता है, इस वजह से लाल रंग लिया गया है। इसके साथ ही सुयश को जानकारी मिली कि इस स्थान पर पहले भी कुछ लोग अपना आधिपत्य घोषित कर चुके हैं। ऐसे में अब सुयश से कोई उनके हिस्से को छीनने के लिए युद्ध लड़ने पहुंचता है तो सुयश ने युद्ध लड़ने से बेहतर कॉफी पीकर मसले को सुलझाने की योजना बनाई है।
अपने आपको यहां का किंग घोषित किये जाने के बाद सुयश ने अपने पिता राकेश दीक्षित को वहां का प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख घोषित कर दिया है। पिता को प्रधानमंत्री बनाने के पीछे की वजह यह है कि जिस दिन सुयश वहां पहुंचे, उसके अगले ही दिन पिता राकेश दीक्षित का जन्म दिन था ऐसे में उन्हें जन्म दिन का सरप्राइज देने के लिए उन्हें वहां का प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति घोषित कर दिया। प्रधानमंत्री बने राकेश दीक्षित कहते हैं कि वह स्थान गेट वे ऑफ इंडिया ही रहेगा। यह देश कर मुक्त और आजादी के साथ जीने के लिए जाना जायेगा।
दुनिया की नजरों में आया इंदौर
अपने आपको को राजा घोषित किये जाने के बाद यूएन को किये गए ई-मेल का अभी तक कोई जवाब सुयश को नहीं आया है, लेकिन सुयश अब अपने आपको वहां का राजा मान कर ही चल रहे हैं। अपने आपको किंग घोषित करते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने फोटो भी डाल दिए हैं। अब चाहे कुछ भी हो सुयश उस हिस्से पर अपना आधिपत्य मानकर चल रहे हैं और उनके इस कदम ने पूरी दुनिया की नजरों में इंदौर को भी ला खड़ा किया है।
अपने आपको को राजा घोषित किये जाने के बाद यूएन को किये गए ई-मेल का अभी तक कोई जवाब सुयश को नहीं आया है, लेकिन सुयश अब अपने आपको वहां का राजा मान कर ही चल रहे हैं। अपने आपको किंग घोषित करते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने फोटो भी डाल दिए हैं। अब चाहे कुछ भी हो सुयश उस हिस्से पर अपना आधिपत्य मानकर चल रहे हैं और उनके इस कदम ने पूरी दुनिया की नजरों में इंदौर को भी ला खड़ा किया है।