अधिकरा के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, मंदिर के नजदीक आपने दुकानें खोलने की इजाजत दे रखी है। शौचालय की कोई उचित सुविधा नहीं है। क्या आप जानते हैं कि महिलाओं के लिए यह कितनी परेशानी की बात है। आपने तीर्थयात्रियों को उचित बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध क्यों नहीं कराई। आप तीर्थयात्रियों के बजाए व्यावसायिक गतिविधियों को तवज्जो दे रहे हैं। यह गलत है। मंदिर की पवित्रता का खयाल रखा जाना चाहिए।
हरित अधिकरण ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया है जो तीर्थयात्रियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने संबंधी कार्ययोजना पेश करेगी। पीठ ने कहा कि समिति को जांच के बाद उचित मार्ग, गुफा के ईदगिर्द के स्थल को साइलेंट जोन घोषित करने और मंदिर के निकट स्वच्छता बनाए रखने जैसे पहलुओं पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
समिति से इलाके में इको-फ्रेंडली शौचालय के निर्माण के बारे में विचार करने के लिये भी कहा गया है। अधिकरण ने श्राइन बोर्ड से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 2012 के निर्देशों के अनुपालन संबंधी स्थिति रिपोर्ट दिसंबर के पहले हफ्ते में पेश की जाए। अधिकरण ने यह निर्देश पर्यावरण कार्यकर्ता गौरी मौलेखी की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिये।