लिलिपुट जिनका असली नाम एम.एम. फारुखी है ने बताया है कि अब अगर वह काम मांगने जाते हैं तो प्रोड्यूसर्स उनका मजाक उड़ाते हैं.पॉपुलर कॉमेडी शो ‘देख भाई देख’ के राइटर के तौर पर नाम कमाने वाले लिलिपुट ने कहा कि उन्होंने एक साल से दो स्िक्रप्ट्स लिखीं. इन स्क्रिप्ट्स को लेकर आए रोज वह प्रोड्यूसर्स के चक्कर काटते रहते हैं. कुछ कहते हैं, देखेंगे सोचेंगे जबकि कुछ ताना मारते हुए कहते हैं, ‘बोने भी उठकर आ जाते हैं डायरेक्टर बनने.’ ‘बंटी और बबली’ और ‘कभी तुम कभी हम’ जैसी फिल्मों में काम करने वाले 90 के दशक के मशहूर कॉमेडियन लिलिपुट आज एक गुमनाम एक्टर की जिंदगी जीने के लिए मोहताज हैं. आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस एक्टर ने खुद इस बात का खुलासा किया है कि वह कर्ज में डूब चुके हैं और अपनी बड़ी बेटी के घर पर रहने को मजबूर हैं.
मुंबई मिरर को दिए गए इंटरव्यू में लिलिपुट ने मौजूदा वक्त में उनके प्रति इंडस्ट्री के रवैये के बारे में बात की है. लिलिपुट ने बताया कि जब दिसंबर 1975 में उन्होंने मुंबई में कदम रखा था तो इंडस्ट्री में वह पहले बोने एक्टर थे. लिलिपुट ने कहा कि उन्होंने तभी सोच लिया था कि वह इंडस्ट्री में खुद को ब्रांड बनाएंगे, लेकिन अब उनके हालात बेहद खराब हो चुके हैं.लिलिपुट ने बताया कि इंडस्ट्री में उनके लिए रोल्स की कमी के कारण ही उन्होंने लेखन की शुरुआत की थी. लिलिपुट ने 1992 की फिल्म ‘चमत्कार’ के डायलॉग्स और साल 1993-94 के सीरियल ‘देख भाई देख’ की कहानी लिखी थी.
साल 2011 से 2013 तक टीवी शो CID और अदालत में काम कर चुके लिलिपुट ने कहा कि खराब आर्थिक हालत के चलते अब उन्हें जिस तरह के भी छोटे-मोटे जो भी ऑफर मिलते है उन्हें स्वीकार कर लेते हैं. इनदिनों लिलिपुट अपने डायरेक्टर दोस्त विक्रम राजदान की शॉट फिल्म के लिए शूटिंग कर रहे हैं. लिलिपुट ने अखबर को दिए गए इंटरव्यू में एक बात शेयर की, वह बोले, जब मेरी पॉपुलेरिटी बढ़ने लगी थी कि तब मुझे एक असिस्टेंट डायरेक्टर जो कि अब जाने माने डायरेक्टर हैं उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि तुम कभी अपने कद से परे नहीं जा पाओगे.’ लिलिपुट ने कहा कि अब मेरे जो हालात हैं उन्हें देखकर लगता है कि उस डायरेक्टर ने जो कहा था सही कहा था.