जब शनिवार के दिन अमावस्या का समय हो तो इसे शनि अमावस्या कहा जाता है. इस बार 18 नवंबर को शनि अमावस्या है जो शनिदेव की कृपा पाने के लिए विशेष लाभकारी है. इस बार ये अमावस्या विशेष संयोग लेकर आ रही है. इस दिन विशाला नक्षत्र में शोभन योग है. यह योग यदि शनिवार के दिन हो तो इससे उस दिन का, तिथि और नक्षत्र का प्रभाव कई गुना अधिक बढ़ जाता है. इसके पहले शनि अमावस्या पर शोभन योग वर्ष 1987 में बना था. इस दिन पूजा-पाठ करने से आपको शनि की विशेष कृपा मिलेगी.
18 नवंबर को आ रही शनिचरी अमावस्या के दिन 30 साल बाद शोभन योग का संयोग बन रहा है. यह योग दान-पुण्य से लेकर बाजार से खरीदी व नए कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ रहेगा.
लगभग इतने वर्ष के बाद ही यह योग बनेगा. ग्रहों की गणना अनुसार वर्तमान में शनि धनु राशि में मार्गी है. इसके साथ ही सवा दो दिन के लिए चंद्र-बुध वृश्चिक राशि में युतिकृत रहेंगे. चूंकि बुध चंद्रमा के पुत्र होने से पिता-पुत्र का वृश्चिक राशि में शनि के साथ होने पर द्वादश: योग निर्मित होगा. चंद्रमा वनस्पति तो बुध व्यापार का सूचक होने से आने वाले समय में फसलों और कारोबार दोनों में वृद्धि करेंगे. वहीं वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल भी कन्या राशि में परिभ्रमण कर रहा है. यह अवस्था भी परस्पर मंगल-बुध का राशि परिवर्तन कहलाती है. इससे नए कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होकर सफलता मिलेगी.