पद्मावती पर हुए विरोध के बाद फिल्म की रिलीज डेट आगे बढ़ा दी गई है. फिल्म की स्टार-कास्ट को लगातार धमकियों का सामना करना पड़ रहा है. विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों के सदस्य संजय लीला भंसाली, दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह को धमकी दे रहे हैं. यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, अगर पद्मावती के निर्माताओं को लोग धमकी दे रहे हैं और उनपर कार्रवाई होनी चाहिए, तो भंसाली पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.
भंसाली और दीपिका को मिल रही धमकियों के सवाल पर योगी ने कहा, ‘यदि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए जिन्होंने भंसाली के सिर काटने और दीपिका की नाक काटने की धमकी दी है तो इस बिना पर उस फिल्म निर्माता पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है.’
रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुग्राम के एक शख्स ने बीजेपी नेता सूरजपाल अमू के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है.इस बीच सेंसर चीफ ने साफ़ किया है कि पद्मावती 68 दिन से पहले नहीं रिलीज हो पाएगी.अमू ने पद्मावती बनाने वालों का सिर कलम करने पर इनाम की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि जो इन लोगों के सिर कलम करेगा, उसे 10 करोड़ का इनाम दिया जाएगा. इतना ही नहीं ऐसा करने वाले के परिवार का ध्यान रखने का भी उन्होंने आश्वासन दिया था. उन्होंने रणवीर सिंह को कहा था कि ‘अगर तूने अपने शब्द वापस नहीं लिए तो तेरी टांगों को तोड़कर तेरे हाथ में दे देंगे.’
प्रसून ने कहा है कि फिल्म की वर्तमान स्थिती को देखते हुए फिल्म को सर्टिफिकेट देने में 68 दिन लग सकते हैं. उनका यह बयान उन मीडिया रिपोर्ट्स को कंफर्म करता दिख रहा है, जिसमें कहा गया था कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म के मेकर्स द्वारा सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया को जल्दी करने की अर्जी ठुकरा दी है.
प्रसून ने सोमवार को IFFI में मीडिया से बात करते हुए यह कहा. उन्होंने फिल्म को सेंसर बोर्ड में सबमिट करने से पहले कुछ मीडियापर्सन्स को फिल्म दिखाने पर अपनी निराशा भी जाहिर की. उन्होंने कहा कि अगर लोग चाहते हैं कि सेंसर बोर्ड फिल्म पर कोई फैसला ले तो उन्हें बोर्ड को समय, स्वतंत्रता और मानसिक स्पेस देना होगा.
तीन राज्यों में बीजेपी की सरकारों द्वारा फिल्म के खुलेआम विरोध के अलावा पंजाब की कांग्रेस सरकार भी इसके खिलाफ खड़ी नजर आ रही है. पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फिल्म को लेकर राजपूतों की आपत्तियों का समर्थन किया है.
क्या पद्मावती राष्ट्रमाता ?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक समारोह में ऐलान किया कि संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती मध्यप्रदेश की धरती पर रिलीज नहीं होगी. पद्मावती को राष्ट्रमाता करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘महारानी पद्मावती से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मैं स्पष्ट कहना चाहता हूं कि मध्यप्रदेश की धरती पर पद्मावती फिल्म रिलीज नहीं होगी.’ यही नहीं शिवराज ने भोपाल में देश की वीरों की याद में बनने वाले वीर भारत स्मारक स्थल में महारानी पद्मावती का स्मारक बनाने की भी घोषणा की.सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को खारिज कर दिया गया. इसमें ‘पद्मावती’ फिल्म से कथित आपत्तिजनक सीन हटाने की मांग की गई थी. सोमवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ को सूचित किया गया कि इस फिल्म को अभी तक केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से प्रमाण पत्र नहीं मिला है. इस पर पीठ ने कहा, ‘इस याचिका में हमारे हस्तक्षेप का मतलब पहले ही राय बनाना होगा जो हम करने के पक्ष में नहीं है.’
वहीं दूसरी तरफ अब ये मामला संसद की पिटीशन कमेटी के पास भी पहुंच गया है. ऐसे में उत्तर भारत की राज्य सरकारों द्वारा फिल्म का विरोध और राजपूत समुदाय का सड़कों पर गुस्सा पद्मावती की रिलीज के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है.