अब पर्यटकों को रोपवे से रोहतांग दर्रे के दीदार होंगे। रोहतांग दर्रे में बढ़ते ट्रैफिक दबाव से पर्यावरण पर हो रहे असर को कम करने के लिए एनजीटी लंबे समय से यहां पर्यटन गतिविधियों के संचालन के लिए समय-समय पर निर्देश देता आया है। ऐसे में अब एक बार फिर एनजीटी ने रोहतांग रोपवे को हरी झंडी दे दी है। एनजीटी ने रोहतांग दर्रे पर अन्य पर्यटन गतिविधियों पर पिछले निर्णय को बरकरार रखा है। रोहतांग दर्रे में फोटोग्राफर और कुल्लवी परिधान उपलब्ध करवाने वाले ही कारोबार कर सकेंगे। बाकी अन्य किसी भी व्यावसायिक गतिविधि पर रोक रहेगी। घाटी के कुछ गांव व टैक्सी यूनियन NGT के इस फैसले का विरोध कर रहे है। ऊझी घाटी के नौ गांवों के लोगों का पक्ष रख रहे सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. अमित वैद्य ने बताया कि एनजीटी ने प्रदेश सरकार को तीन महीने के अंदर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है। अमित वैद्य के अनुसार रोहतांग रोपवे को हरी झंडी दे दी है, जबकि पर्यटन गतिविधियों पर पिछला फैसला ही बरकरार रखा है। प्रदेश सरकार इन गतिविधियों के लिए मढ़ी, सोलंग और गुलाबा में जगह चिह्नित करेगी और व्यवस्थित ढंग से इसे रेगुलेट करेगी। 13 और 14 नवंबर को इस मामले की सुनवाई हुई थी और निर्णय 20 नवंबर तक सुरक्षित रखा था। लगभग नौ किलोमीटर लंबे रोहतांग रोपवे को तीन चरण में पूरा किया जाएगा।पहला रोपवे कोठी से गुलाबा, दूसरा गुलाबा से मढ़ी और तीसरा मढ़ी से रोहतांग तक लगाया जाएगा। हर प्वाइंट पर सैलानियों के आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।