Home राष्ट्रीय PM नरेंद्र मोदी ने किया पांचवें साइबर स्पेस सम्मेलन का उद्घाटन….

PM नरेंद्र मोदी ने किया पांचवें साइबर स्पेस सम्मेलन का उद्घाटन….

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि डिजिटल टेक्नोलॉजी ने गवर्नेंस और सर्विस डिलीवरी को बेहतर करने में बड़ी भूमिका निभाई है। पीएम ने कहा कि टेक्नोलॉजी ने सारे बंधन तोड़ दिए हैं। वसुधैव कुटुंबकम की भारतीय अवधारणा को इससे मजबूती मिली है।  पीएम ने कहा कि जन धन बैंक खाते, आधार प्लेटफॉर्म और मोबाइल फोन भ्रष्टाचार को कम करने और ट्रांसपेरेंसी लाने में बहुत मददगार साबित हुए हैं।इससे पहले सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ट्वीट कर कहा था कि साइबर स्पेस को लेकर दिल्ली में होने जा रहे पांचवे ग्लोबल कॉन्फ्रेंस को वे सुबह 10 बजे संबोधित करेंगे। पीएम ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस में सभी सहभागी वर्ल्ड टेक्नोलॉजी से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
दो दिनों के सम्मेलन में मुकेश अंबानी व सुनील मित्तल से लेकर तारिक कमाल तक दिग्गज नीति निर्धारक, उद्योगपति, विशेषज्ञ व नवोन्मेषी भाग लेंगे। इस दौरान इससे जुड़े वि​षयों पर 20 प्र​दर्शनियां भी लगाई जाएंगी। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस कॉन्फ्रेंस के बारे में बताया कि नयी दिल्ली में आयोजित हो रहे साइबर स्पेस पर वैश्विक सम्मेलन (जीसीसीएस) में फ्रांस, रूस, जापान, इजराइल व इंग्लैंड सहित 33 देशों के आईटी/साइबर स्पेस मंत्री भाग लेंगे। सम्मेलन में 700 विदेशी सहित कुल 2000 प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि जीसीसीएस दुनिया में अपनी तरह का प्रमुख आयोजन है जिसका पहली बार भारत में आयोजन होना यही दर्शाता है कि दुनिया इस क्षेत्र में भी भारत की महत्ता को रेखांकित कर रही है। मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय रिश्तों व घटनाक्रम में ‘साइबर डिप्लोमेसी’ को लेकर भारत की बात सुनी जा रही है और इस आयोजन के जरिए भारत अपनी सोच को पूरी दुनिया में रखेगा। भारत इस सम्मेलन के जरिए दो प्रमुख संदेश देना चाहता है- ‘सुरक्षित साइबर-सुरक्षित दुनिया’ तथा ‘समावेशी साइबर-विकसित दुनिया’। भारत चाहता है कि यह आयोजन साइबर स्पेस पर सार्थक भागीदारी व संवाद का प्रमुख मंच बने।

उल्लेखनीय है कि साइबर स्पेस से मोटे तौर पर आशय कंप्यूटर नेटवर्कों के जरिए क्नेक्टिवटी से है। नेटवर्किंग की सारी आभासी दुनिया को साइबर स्पेस कहा जाता है और भारत इसे अधिक से अधिक सुरक्षित बनाए जाने पर जोर दे रहा है।

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